जलकल आउट वाटर एटीएम की समस्या बनी बड़ी पहेली: रियासत पर भारी पड़ रही सियासत
महराजगंज डेक्स।
भारत नेपाल के बॉर्डर पर स्थित सरहदी कस्बा नगर पंचायत सोनौली में जनता एक तरफ पानी के लिए त्राहि त्राहि कर रही है, वही नगर के जिम्मेदार कानो में कपास डाले ढांढस पर ढांढस देने का काम कर रहे है, बात बड़ी कठोर है, मगर यहाँ कहना जरूरी है, अब “काज कैसे संवरे” जब “रियासत पर सियासत भारी” पड़ रहा हो।
दर्जनों जनप्रतिनिधियों की संख्या एवं सबसे बड़ी राजनीतिक हब के रूप में नगर पंचायत सोनौली को माना जाता है, जहा 15वर्षीय बालक भी युवा नेता बन जाता है, इसी नगर में बहुतायत चेयरमैन प्रत्याशी रहे खुद को जनता के हमदर्द बने फिरने वाले वह नेता ज़मींजदारोज नजर आने लगे है। वही कुछ नेता तो सिर्फ सोशल साइट्स और व्हाट्सएप ग्रुप में ही मिल पाते हैं, इक्का दुक्का ही जनता जनार्दन से रूबरू होते है।
डबल इंजन के विकाश का दावा और वादा नगर पंचायत सोनौली पहुचते पहुचते दम तोड़ देती है, वही कुछ जानकारों का मानना है कि, “काज कैसे संवरे” जब “रियासत पर सियासत भारी” है। मगर इस तथ्य में कितनी सच्चाई है कितनी दकियानूसी कहानी यह तो वक्त पर तय है। मगर नगर में दर्जनों वरिष्ठ नेताओ और कार्यकर्ताओं के होते हुवे भी सोनौली अपने दुर्दशा पर आँशु भी नही बहा पा रहा है।
क्रमश:👉
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