सीमा पर अंतरराष्ट्रीय कबाड़ी तस्करो की हनक: चोरी के वाहन एवं बन्द फैक्ट्रियों के समान पहुच रहे भारत
नेपाली सीमा में स्थापित कबाड़ का गोदाम |
सोनौली बॉर्डर।
नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र में कबाड़ की आड़ में चोरी की गाड़ियां कट रहीं हैं। इस गोरखधंधे में आसानी से कोई पकड़ में नहीं आता है। कबाड़ की दुकान को देखकर कोई अंदाजा नहीं लगा पाएगा कि असल में इनका धंधा क्या है। कम समय से ज्यादा तरक्की करने की चाह में चोरी की गाड़ियों को खपा दिया जा रहा है। प्रतिदिन पांच ट्रैक्टर-ट्राॅली से कबाड़ की ढुलाई हो रही है।
सूत्र बता रहे हैं कि नेपाल के रास्ते बड़े पैमाने पर लोहे का स्क्रैप (कबाड़) की भारतीय सीमा क्षेत्र में तस्करी की जा रही है। इस अवैध कारोबार में अंतरराष्ट्रीय तस्करो के साथ ही साथ भारतीय अंतर्जनपदीय स्तर के तस्करों का भी नेटवर्क जुड़ा हुआ है, जो कबाड़ की आड़ में चोरी के वाहनों को भी काटकर कानपुर और महाराष्ट्र तक ले जा रहे हैं।
सीमावर्ती क्षेत्र में इनका बड़ा नेटवर्क है। कबाड़ नेपाल से लाने के लिए तस्करों ने अवैध रास्ते तक बना लिए हैं और उन रास्तों से रात के अंधेरे में नेपाल ट्रैक्टर-ट्राॅली भारतीय सीमा क्षेत्र में लाकर लाइसेंस प्राप्त गोदामों में रखते हैं और रात को ही भारतीय ट्रक पर लोड कराकर गंतव्य तक भेज दे रहे हैं। वाहन चोरी होने के बाद इसलिए नहीं मिलती है कि जब तक पुलिस सक्रिय होती है, तब तक लिफ्टर उनसे दो कदम आगे बढ़कर उसे नेपाल पहुंचा देते हैं। कबाड़ की आड़ में नई गाड़ियां खपा दे रहे हैं। भारतीय क्षेत्र की अपेक्षा नेपाल में गाड़ियां अधिक महंगी होने के कारण तस्कराें के लिए काली कमाई की राह आसान हो रही है। जिन गाड़ियों की सेटिंग हो गई, उसे महंगे दामों में बेच देते हैं और जिनका कोई खरीददार नहीं मिला, उसे काट कर कबाड़ में बेच दिया जा रहा है।
बंद एवं खराब पड़ी फैक्ट्रियों की होती है खरीद-फरोख्त
भारत और नेपाल के तस्करों का एक बड़ा सिडिकेट नेपाल के विभिन्न स्थानों पर जर्जर फैक्ट्रियों को खरीद रहा हैं। उन फैक्ट्रियों को तोड़कर लोहे के छोटे-छोटे टुकड़े कर कैरियर के माध्यम से भारत-नेपाल सीमा से सटे नेपाली सीमाओं में पहले कबाड़ को डंप कराते हैं, फिर रात में मौका मिलते ही भारतीय सीमाओं में भेज देते हैं। कबाड़ के इस तस्करी के धंधे में भारत-नेपाल सीमा से सटे सोनौली कोतवाली क्षेत्र में करीब एक दर्जन से अधिक दुकानें खुली हैं। इस कारोबार में मुंबई तक के कारोबारी लगे हैं, जो नेपाल के कबाड़ को खरीद रहे हैं।
जब सुर्खियों ने आया था सोनौली का कबाड़ी
कुछ दिन पहले एसडीएम नौतनवां के नेतृत्व में सोनौली कोतवाली क्षेत्र के रोहिन नदी पुल के पास एसएसबी और पुलिस ने संयुक्त रूप से छापा मारा था। इस दौरान मौके से उसके गोदाम से नेपाली नंबर और भारतीय नंबर के कुल पांच ट्रैक्टर बरामद हुए थे। ठीक उसके सामने हाल में बनाई गई एक कच्ची सड़क जो दो किमी से भी कम दूरी तय कर नो मेंस लैंड पार कर नेपाल के पगडंडी रोड में मिल जाती है। बताया जा रहा है कि प्रतिदिन रात करीब 11 बजे नेपाल से कबाड़ ट्राॅली पर भर कर लाया जाता है।
चोर पार्ट निकालकर ऑटो पार्ट की दुकान पर बेच देते हैं
नेपाल से सूत्रों के मुताबिक बिकने वाले वाहनों के स्पेयर पार्ट भारतीय बाजार से ही जाते हैं। लीगल तरीके से जाने में कई प्रकार के टैक्स लगते हैं। इसलिए चोर उनका पार्ट निकालकर ऑटो पार्ट की दुकान पर बेच देते हैं। पहले से सेटिंग वाली दुकान पर ही देते हैं। ऐसे में दुकानदार को कम कीमत पर पार्ट मिल जाता है। जिसकी वह ग्राहकों से अच्छी कीमत पा जाता है। इसमें शॉकर, चेन स्पाकिट, हेड लाइट, रिंग आदि शामिल है।
नेपाल में डिजिटल चेकिंग व्यवस्था नहीं होने पहचान में समस्या
भारत में पुलिस चेकिंग करने के मामले में तकनीकी सहारा अधिक ले रही है। जिससे सही वाहन स्वामी का पता चल जाता है। लेकिन नेपाल में डिजिटल चेकिंग व्यवस्था नहीं है। कागजात देखकर वह चेकिंग करते हैं। इसलिए पकड़े जाने का डर न के बराबर रहता है।
दो साल पहले कबाड़ की दुकान पर मिला था चोरी का पार्ट
कई मामले ऐसे भी आए हैं। जिनमें कबाड़ी चोरी के माल भी खरीदते हैं। इसका खुलासा 21 फरवरी 2021 को पुलिस ने पकड़े दो युवकों से पूछताछ करने के बाद किया था। इतना ही नहीं पांच अगस्त 2022 को निचलौल शहर के चमनगंज पुल के पास सड़क निर्माण के लिए लगे एक प्लांट से दो युवकों ने मशीन के पुर्जे चोरी कर घोड़हवा चौराहे के आगे कबाड़ की एक दुकान पर बेचा था। इसका निचलौल पुलिस ने खुलासा करते हुए दोनों युवकों को जेल भेज दिया था।
अंतरराष्ट्रीय कबाड़ तस्कर कुछ महीनों में बन रहे करोड़पति
इस धंधे में कोई रोकटोक नहीं होने के कारण शहर से लेकर बॉर्डर तक कहीं भी कोई भी व्यक्ति आकर कबाड़ की दुकान चलाना शुरू कर दे रहा हैं। शुरू-शुरू में एक-दो एजेंट रखकर कबाड़ इकट्ठा करवा कर खरीदते हैं। बाद में इनके एजेंट बढ़ जाते हैं। फिर यह धंधा बड़े पैमाने पर शुरू हो जाता है। खास बात तो यह है कि पूरे जिले में इस तरह के कितने कबाड़ी हैं, यह भी किसी के पास रिकॉर्ड में नहीं है। ये कबाड़ी कम दिनों में लाखों करोड़ो रुपये का वारे न्यारे कर चुके है, वही वाणिज्यिक विभाग को भनक तक नही लग रही।
इस सम्बंध में अपर पुलिस अधीक्षक महराजगंज आतिश कुमार सिंह ने कहा कि, समय-समय पर अभियान चलाकर कार्रवाई की जाती है। अगर ऐसी बात है तो जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। सीमावर्ती क्षेत्र में पुलिस हमेशा सतर्क रहती है।
Post a Comment