रक्षाबंधन स्पेशल: 31 अगस्त को प्रातः 7:45 तक किया जायेगा रक्षाबंधन का महापर्व...पं माधवाचार्य
श्रावण शुक्ल पूर्णिमा का मान 30अगस्त को, चुकी 30 अगस्त को दिन में 10 बज कर 12 मिनट से भद्रा के साथ ही पूर्णिमा प्रारंभ हो रही है। जो दिन भर रह कर रात्रि 8:58 तक कुम्भ राशि के चंद्रमा में व्याप्त है। और शास्त्रों के अनुसार कुंभ राशि की भद्रा पृथ्वी लोक में निवास करती है जो पृथ्वी लोक के वासियों के लिए अत्यंत हानिकारक है। जबकि भद्रा चाहे कहीं भी लगी हो उसमे श्रावणी कर्म रक्षाबंधन नहीं किया जा सकता है।
क्षेत्रीय पुरोहित पं माधवाचार्य ने बताया कि, शास्त्रों के अनुसार भद्रा रहित पूर्णिमा में रक्षाबंधन करना शास्त्र सम्मत और लाभकारी होता है। पूर्णिमा 30 अगस्त को प्रातः 10:12 से शुरू हो रहा है जो कि 31 अगस्त को प्रातः 07:45 तक रहेगा। जबकि इस दिन इसी समय से रात्रि 9 बजे तक भद्रा का निवास पृथ्वी लोक मे है जो बिलकुल ही निषिद्ध और हानिकारक है।
शास्त्रों के अनुसार -
"तत्सत्वे तु रात्रावपि तदन्ते कुर्यादिति निर्णयामृते "एवं इदं प्रतिपद्युतायां न कार्यम्"
अर्थात- रक्षाबंधन का कार्य रात्रि में भी किया जा सकता है, किंतु भद्रा और प्रतिपदा में कदापि नहीं करना चाहिए।
श्रावणी, रक्षाबंधन एवं फाल्गुनी में भद्रा बिलकुल ही मान्य नहीं है। अत: बहुत जरूरी हो तो 30 अगस्त को भद्रा की समाप्ति रात्रि 08 बजकर 58 मिनट पर हो रही है इसके बाद रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त प्रारंभ हो जाएगा जो 31 अगस्त को प्रातः 07:45 तक रक्षाबंधन सर्वोत्तम होगा तथा बहनें ब्रत रखकर अपने भाइयों को राखी बांधकर तथा मुह मीठा कराकर भाइयों के लंबी उम्र की कामना करती हैं। अतः रक्षा बंधन का पर्व 31 अगस्त 2023 गुरुवार को ही प्रातः 4 बजे से प्रातः 7:45 तक मनाये, लेकिन भद्रा काल मे या प्रतिपदा मे रक्षाबंधन कदापि न करें।
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