बाल अधिकारों एवं भोजपुरी के संवर्धन-संरक्षण पर खुलकर हुई बातचीत
रविवार, 13/12/2020 को 'देवकली देवलास:एक अद्भुत धार्मिक स्थल' फेसबुक' पेज पर ऑनलाइन आयोजित संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत प्रयागराज जिले के बाल अधिकार कार्यकर्ता एवं चाइल्ड लाइन, रेलवे के निदेशक अजीत सिंह को आमंत्रित किया गया था । बाल अधिकार कार्यकर्ता होने के साथ- साथ वे भोजपुरी संगम मासिक पत्रिका के संपादक भी हैं। पेज के एडमिन एवं राजभाषा अधिकारी व कवि देवकान्त पाण्डेय से बातचीत के दौरान उन्होंने बाल अधिकारों के संरक्षण के क्षेत्र में किये गए कार्यों की जानकारी दी एवं भोजपुरी के संवर्धन एवं संरक्षण के बारे में अपने विचार रखे। बाल अधिकारों की बात करते हुए उन्होंने कहा कि देश के प्रत्येक बच्चे को एक समान शिक्षा मिलनी चाहिए तथा शिक्षा में एक देश एक पाठ्यक्रम का सिद्धांत होना चाहिए। उन्होंने इस विषय को लेकर वर्ष 2009 में हाजीपुर से दिल्ली तक कसम ट्वन्टी-ट्वन्टी नाम से एक बाल अधिकार संरक्षण यात्रा भी निकाली थी। इसके अलावा उन्होंने 500-700 बच्चों को बाल श्रम, भिक्षा वृत्ति या इसी प्रकार के अन्य अनुचित कार्यों से मुक्त करवाया है। चाइल्ड लाइन, रेलवे के कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि घर से भागे या खोए हुए, रेलवे स्टेशन पर लावारिश मिले बच्चों को सही सलामत उनके घर तक पहुंचवाया है। भोजपुरी भाषा की संवैधानिक मान्यता के मुद्दे पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि भोजपुरी क्षेत्र में इसके लिए जागरूकता पैदा किये जाने की जरूरत है, और गांधीवादी तरीके से सरकार से यह कार्य करवाया जा सकता है।
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