लचर व्यवस्था व कागजी खाना पूर्ति से तंग एसीएमओ ने दिया इस्तीफा
सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है डॉ विवेक श्रीवास्तव द्वारा लिखा गया यह पत्र
क्षेत्रीय प्रभारी गोरखपुर से नसीम खान की रिपोर्ट=================================
उत्तर प्रदेश सरकार भले ही लचर स्वास्थ्य विभाग को ठीक करने के दावे करे लेकिन जिले में स्थिति इसके ठीक विपरीत है। जिस लचर स्वास्थ्य विभाग के भरोसे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री कोरोना जैसी महामारी से जंग जीतने की बात करते हैं। लेकिन विभाग के एक डॉक्टर के वायरल हो रहे इस्तीफे के प्रार्थना पत्र से जनता सब कुछ समझ सकती है।
जिस डॉक्टर का प्रार्थना पत्र वायरल हो रहा है उन्होंने अपने ही विभाग व जिला प्रशासन पर प्रश्न खड़ा कर दिया है। जो नए भारत के निर्माण की कल्पना से कोसो दूर है। गौरतलब हो कि महराजगंज जिले के स्वास्थ्य महकमे में दावे तो लाखों किये जाते हैं लेकिन विभाग में कितनी कमियां हैं। जिला प्रशासन ने क्या विकास किया है, इस वायरल पत्र से समझा जा सकता हैं।
गौरतलब हो कि 30/9/18 को भाजपा के समाज कल्याण मंत्री व उस समय जिले के प्रभारी मंत्री रहे रमापति शास्त्री ने जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया था। लेकिन गांवों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। महराजगंज के गांवो का कितना विकास हुआ है यह सब जानते हैं। सीडीओ भी खूब लंबी चौड़ी विकास की योजनाओं को दिखाते हैं। लेकिन डाॅ विवेक श्रीवास्तव का जो पत्र वायरल हो रहा है उसमें जिले में गिरती स्वास्थ्य व्यवस्था का खुलासा हुआ है।
सरकार, जिला प्रशासन जिस लचर स्वास्थ्य विभाग के भरोसे कोरोना, टी वी, इंसेफ्लाइटिस से जंग जीतने की बात करती हैं उसमें कितनी सच्चाई है यह उस पत्र के माध्यम से जनता को समझ आने लगा है।
प्रदेश सरकार ने सभी जिलों को क्षय रोग के मरीजों को ढूंढने और उनके इलाज का लक्ष्य दिया था। महराजगंज जनपद को भी 263 मरीजों का लक्ष्य मिला था जिसमें लक्ष्य के सापेक्ष 132 मरीजों को ढूंढ कर उनके इलाज की समुचित व्यवस्था कराई गई। पूरे प्रदेश में महराजगंज लक्ष्य के सापेक्ष 65 फ़ीसदी मरीजों को ढूंढने में सफल रहा और प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया।
महराजगंज में सहायक जिला चिकित्साधिकारी / डीटीओ के पद पर कार्यरत डॉ विवेक श्रीवास्तव इस कोरोना महामारी में भी पूरी निष्ठा और ईमानदारी से क्षेत्र में सक्रिय हैं। बावजूद इसके विभागीय अधिकारियों द्वारा इनका शोषण किया जा रहा है। डॉ विवेक श्रीवास्तव द्वारा लिखा गया एक प्रार्थना पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इस वायरल पत्र को डॉ विवेक श्रीवास्तव ने पूरी तरह सत्य बताया है। उन्होंने कहा है कि आखिर किस तरह से कोई डॉक्टर या स्वास्थ्य कर्मचारी कार्य करें और इन ब्यूरोक्रेट्स को खुश रखे यह इनकी समझ के परे है। सिस्टम से पीड़ित डॉक्टर विवेक श्रीवास्तव ने अपने इस्तीफे की पेशकश भी की है।
अब इस वायरल पत्र को देखकर मुख्यमंत्री यह बताये कि कहा गई उनकी ज़ीरो टॉलरेंस की सरकार ?
क्या इसी विकास के भरोसे सरकार कोरोना से जंग जीतेगी ?
अभी कुछ दिन पहले ही स्वास्थ्य विभाग के कोविड अस्पताल का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें इस माहमारी में स्वास्थ्य विभाग के मुँह पर जोरदार तमाचा था। वीडियो में कोविड अस्पताल में दुर्दशा को उजागर कर चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा था। खुले में पीपीए किट फेंका गया था। अस्पताल के अंदर की दुर्दशा भी किसी से छिपी नहीं है। अंदर भी चारों ओर गंदगी का अंबार लगा था। वायरल हो रहे पत्र में उन्होंने सरकार से पूछा है कि क्या इसी के भरोसे सरकार कोरोना से जंग जीत पाएगी ?
उस वायरल वीडियो में भी जिला प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग ने अब तक कोई कार्यवाही नहीं किया। ऐसा लगता है कि उक्त मामले को जिला प्रशासन द्वारा लीपापोती करने का प्रयास किया जा रहा है।
बीते दिनों अपने महराजगंज के दौरे पर आए मंडलायुक्त ने स्पष्ट तौर पर डॉक्टरों को हिदायत दी थी कि टीवी, जेई और एईएस से हुई मौतों के लिए सीधे तौर पर डॉक्टर जिम्मेदार होंगे और उनके ऊपर मुकदमे दर्ज करा कर न्यायिक जांच कराई जाएगी। सिस्टम से परेशान डॉ विवेक श्रीवास्तव ने इस्तीफा स्वीकार करने की मांग किया है। प्रयागराज के रहने वाले डॉ विवेक श्रीवास्तव ने अपना इस्तीफा महराजगंज के सीएमओ को सौंपते हुए आज प्रयागराज के लिए रवाना हो गए हैं। डॉ विवेक श्रीवास्तव द्वारा लिखा गया यह पत्र महराजगंज की सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है।
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