सोनौली: भूमि को खोखली कर रहे अवैध आरओ प्लांट
सोनौली।महराजगज
बिना भूगर्भ विभाग की अनुमति के सोनौली नगर पंचायत में पाँच छोटे आरओ प्लांट तथा 6 वाहन धुलने के स्टेशन संचालित हैं। प्रतिदिन एक लाख लीटर पानी का दोहन करने के बाद शेष करीब 10 हजार लीटर पानी बेकार जा रहा है। कुटीर उद्योग का रूप ले चुके पानी के इस गोरखधंधे पर नगर पंचायत ने भी आपत्ति दर्ज करायी है और मानक को पूरा नही करने वाले ऐसे अवैध व्यापार पर नोटिस जारी की चेतावनी दिया है।
नगर में शुद्ध पेयजल की गुणवत्ता बहुत कम ही है। नदियों के किनारे वाले गांवों तथा शहरी क्षेत्र में आर्सेनिक, आयरन, फ्लोराइड व क्लोराइड सहित तमाम सूक्ष्म तत्वों की वजह से पानी पीने लायक नहीं रह गया है। इसका लाभ उठाते हुए नगर में छोटे-छोटे आरओ प्लांट स्थापित हो गए। वाहनों पर पानी की टंकियां रखकर 25 रुपये से लेकर 30 रुपये प्रति डिब्बा बेचा जा रहा है। आरओ का पानी बताकर बेचने से जहां धंधा करने वाले मालामाल हो रहे हैं वहीं इनके दोहन से भूगर्भ में वाटर लेबिल गिरता जा रहा है।
नगर में अवैध रूप से जिस तरह से पानी का दोहन हो रहा है उससे भूगर्भ जल को खतरा उत्पन्न हो गया है। नगर के चार वार्ड जानकी नगर , विस्मिल नगर, बाल्मीकि नगर, धनश्याम नगर पानी का लेबल नीचे गिर गया है। वार्ड निवासी संजय गुप्ता, संजय मद्देशिया, अजय कुमार, रमाकांत, लवकुश आदि ने बताया कि 100 फुट से लेकर 150 फुट तक पानी नही आ रहा है। तीन से चार स्थानों पर प्रयास किया गया लेकिन पानी नही है। एक आरओ प्लांट से प्रतिदिन बीस हजार लीटर पानी का दोहन होता है। इसमें पीने लायक केवल दस हजार लीटर पानी ही बचता है, जबकि दस हजार लीटर पानी बेकार चला जाता है। इसी तरह वाहन धुलने वाले बने हैं। यहां भी प्रतिदिन बीस हजार लीटर पानी का दोहन होता है। यहां पीने लायक पानी पूरी तरह नालियों बह जाता है। पानी का रिचार्ज न होने से पानी का संकट बढ़ सकता है।
इस सम्बंध में नगर पंचायत सोनौली वरिष्ठ लिपिक संजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सभी आरओ प्लांट को चेतावनी दी गयी है। रजिस्ट्रेशन के लिए नोटिस भेजा जाएगा।
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