तस्करो का सबसे प्रिय मार्ग श्यामकाठ सेमरपानी: आखिर क्यों तस्करो को आता है पसंद यह मार्ग
जिला प्रतिनिधि: शिवम पांडेय
सोनौली महराजगंज।
तस्करी का पर्याय बन चुका श्यामकाठ सेमरपानी मार्ग पूरी तरह तस्करो और तस्करी में संलिप्त लोगो का सबसे पसंदीदा मार्ग बन चुका है, यह मार्ग दिन और रात 24 घण्टे तस्करी के लिए उपयुक्त माना जाता है, तस्करी में संलिप्त सूत्रों से जानकारी मिली कि, इस मार्ग पर सीधा लाइन सेट है जो दोनों तरफ के पालको को मिलाकर काम चल रहा है।
विदित हो कि, भारत नेपाल की कुल 1751 किमी लंबी खुली सीमा है, इतने लंबे कुकी सीमा में सबसे ज्यादा रिकॉर्ड श्यामकाठ बाग का नाम आता है, सूत्रों ने यह भी बताया कि, पालको द्वारा समय समय पर तश्वीर कालो से सुरक्षा भी प्रदान किया जाता है, जिससे उनके कारनामो की काली करतूत दुनिया के सामने नही आ पाती।
तस्करी में संलिप्त तस्करो का एक बड़ा नेटवर्क बॉर्डर पर सक्रिय है, जो किसी भी हद तक जा सकते है, इन्हें पालको का भरपूर सहयोग होने के कारण यह किसी को भी मारने पीटने तक से नही चूकते यही नही लूटकांड जैसे अपराध को भी पालको के इशारे पर करते है।
वही जिम्मेदार बड़े अधिकारियों की आंखों में धूल लगा चश्मा दे कर पालक अपने निजी कमाई को बढ़ा रहे जिससे तस्करी चरम है वही तस्कर भी मालामाल हो रहे है।
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