Border news: गेहूं के साथ बीज भी धडल्ले से हो रहा सरहद पार - प्रथम 24 न्यूज़

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Border news: गेहूं के साथ बीज भी धडल्ले से हो रहा सरहद पार


सीमावर्ती गांव से बड़े पैमाने पर गेहूं की तस्करी की जा रही


महराजगंज

सीमावर्ती गांव में स्टोर कर भारत के गेहूं और गेहूं के बीज की नेपाल में बड़े पैमाने पर तस्करी हो रही है। पगडंडियों के रास्ते बड़े वाहन ले जाना मुश्किल है जिसके कारण एक दर्जन से अधिक बाइक चालक है जो प्रतिदिन दो बोरी कर करीब 150 कुंतल गेंहू नेपाल पहुचा दे रहे है। भारतीय क्षेत्र में गेहूं के बीज की बोरी 1500रुपये में तो नेपाल जाते ही 1800 से 2000 हो जा रही खाने के लिए गेहूं भारतीय क्षेत्र में 2400 से 2500 रुपये में बिक रहा, नेपाल में जाते ही वही गेंहू 3000 से लेकर 3250 रुपये रेट में बिक जा रहा है। इसके साथ ही भारत सरकार ने गेंहू और बीज
के निर्यात पर रोक लगा रखा है। इसलिए गेंहू और उसके बीज की तस्करी बढ़ी है। भारत-नेपाल खुली सीमा का फायदा उठाते हुए तस्कर, एक बोरी पर होता है 750 रुपए का फायदा होने के कारण इस कारोबार में लगे है। भारत के गेंहूं और बीज के निर्यात पर रोक के बाद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गेहूं का दाम बढ़ गया है। जिसका लाभ भारत नेपाल की खुली सीमा होने के कारण तस्कर उठा रहे हैं। ग्रामीण इलाके होकर बाइक, साइकिल, छोटे बड़े वाहन से गेंहूं नेपाल भेजा जा रहा है। 



भगवानपुर मदरी से नेपाल रूपनदेही जिले के सीमावर्ती गांव टिकरी में गेंहू डंप किया जा रहा

जनपद के सोनौली थाना झेत्र के भगवानपुर चौकी के समीप परसौनी चौराहे से प्रतिदिन 10 बाइक चालक मदरी गाँव होते हुए नेपाल के सीमावर्ती गाँव टिकरी में गेहूं डंप करते है। जिसके बाद गेंहू की बोली लगती है।और नेपाल के फ्लोर मिल कारोबारी इसे खरीद लेते है। इन दिनों सोनौली कोतवाली झेत्र के रास्ते नेपाल सीमा पर गेहूं की तस्करी जोरों पर है। सीमा से सटे विभिन्न गांव में पहले किसानों के पास खरीदी गई गेंहूं की बोरियों को रख दिया जाता है। फिर उसे नेपाल भेजा जाता है। इस प्रकार रोजाना सैकड़ों बोरी गेहूं भारत से नेपाल जा रहा है। कम समय, कम रिस्क और छोटी पूंजी से अधिक मुनाफा के चलते मदरी गाँव के रास्ते सीमा तक दर्जनों कैरियर गेहूं ढोने के काम में लगे हैं। जिस समय सीमा पर एसएसबी नहीं होती हैं उसी समय सबसे अधिक तस्करी होती है। हालांकि जानबूझकर अंजान बने हुए या तस्कर मौके का फायदा उठा रहा है यह जांच का विषय है। लेकिन सीमा पर नेपाल शसस्त्र जवानों के सामने से तस्करी होती है। लेकिन वह किसी तस्करों को नही रोकती है। भारतीय क्षेत्र में 2500 रुपया क्विंटल गेहूं बिकता है। जबकि नेपाल में यहीं गेंहूं भारतीय रुपए में 3250 रुपया प्रति क्विंटल हो जाता है। दाम में इस भारी अंतर का लाभ तस्कर उठाते हैं। जिले समेत आसपास की विभिन्न जगहों से पहले गेहूं की खरीददारी कर उसे नेपाल सीमा से सटे गांव में निश्चित ठिकाने पर पहले स्टाक किया जाता है। फिर एक-दो बोरी कर नेपाल भेज दिया जाता है।


नेपाल सीमा से लगने वाली जिले की 84 किलोमीटर सीमा पूरी तरह से खुली हुई है। यहां बिना रोक-टोक के दोनों देश के लोग आते-जाते हैं। लेकिन देशविरोधी तत्व दोनों देशों में बिकने वाली वस्तु की जब भी मांग बढ़ती है तो उसकी तस्करी शुरू कर देते हैं। चाहे वह चरस कबाड़ और अन्य सामान हो या फिर अनाज। जिसमें मुनाफा औैर मांग बढ़ी, उसे इस पार से उस पार ले जाने का काम शुरू हो जाता है। सीमा पर सुरक्षा एजेंसियों के अलावा सीमावर्ती थानों की पुलिस तैनात रही है। लेकिन, सीमा खुली होने के कारण तस्कर पगडंडियों का भी सहारा लेते हैं। पिछले छ माह से तस्करों ने अनाज तस्करी शुरू कर दी है। नेपाल में गेहूं का भाव बढ़ा तो भारतीय बाजार की फसल नेपाल में पहुंचाने लगे।

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