पर्यटकों के हित को देखते हुवे पहाड़ो की तलहटी तक छूट हो भारतीय वाहनों को...डीएन कायस्थ सैंजू - प्रथम 24 न्यूज़

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पर्यटकों के हित को देखते हुवे पहाड़ो की तलहटी तक छूट हो भारतीय वाहनों को...डीएन कायस्थ सैंजू



तिलोत्तमा लुम्बिनी नेपाल डेक्स।

लुम्बिनी प्रांत के होटल व्यवसायियों ने भारतीय सहित विदेशी पर्यटकों की आमद बढ़ाने के लिए शासन स्तर से नीतिगत सुधार की मांग की है। चूंकि नेपाल में प्रवेश करने वाले सीमा पार और आव्रजन कार्यालय पारंपरिक और अव्यवस्थित हैं, इसलिए नकारात्मक प्रभाव पड़ता है जब पर्यटकों को भीषण गर्मी में घंटों कतार में लगना पड़ता है और वाहनों के अंदर बैठना पड़ता है, इसलिए होटल व्यवसायियों की मांग है कि सीमा पार और आव्रजन कार्यालय को आधुनिक और सुसज्जित किया जाना चाहिए। सुविधाओं के साथ व्यवसायियों का कहना है कि सड़क पर भारतीय पर्यटकों के वाहनों की अनावश्यक जांच कर उनसे पैसे वसूलने और 25,000 भारतीय मुद्रा से अधिक नहीं ले जाने का प्रावधान गलत है और इसमें संशोधन की जरूरत है।

लुंबिनी प्रांत में पर्यटक स्तर से लेकर फाइव स्टार तक के होटल व्यवसायियों का संगठन नेप्लिज होटलियर्स एसोसिएशन लुंबिनी (एनएचए) ने लुंबिनी केबल कार लिमिटेड के साथ बातचीत में एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण बहादुर पाठक ने कहा कि इसे लाना संभव नहीं है। पर्यटक और नीतिगत सुधारों के बिना अपने प्रवास की अवधि बढ़ा सकते हैं। राष्ट्रपति पाठक ने बताया कि चूंकि सरकार पर्यटन-अनुकूल बुनियादी ढांचे,  और कानूनों को बनाने में विफल रही है, इसलिए बहुत अधिक संभावनाएं होने के बावजूद वह पर्यटन क्षेत्र से लाभ नहीं उठा पाई है। पाठक ने कहा कि नारायणगढ़-बुटवल सहित मुख्य राजमार्ग की सड़कें व सड़क पुल समय पर नहीं बन पाने से रूपनदेही का होटल व्यवसाय काफी प्रभावित हुआ है।

बेलहिया नाका सड़क मार्ग से सबसे अधिक पर्यटन आवागमन होता है, आव्रजन कार्यालय में पर्यटकों के साथ सहज और सम्मानजनक व्यवहार नहीं किया जाता है, पर्यटकों को गर्मी में कार के अंदर इंतजार करने को मजबूर होना पड़ता है, अध्यक्ष पाठक ने कहा पास का क्षेत्र साफ-सुथरा हो गया है, धूल-मिट्टी- मुक्त और आकर्षक, और आव्रजन कार्यालय से पर्यटकों का काम बिना किसी देरी के तेज़ होता है।

पाठक ने कहा कि यह प्रावधान कि भारत और तीसरे देशों के पर्यटक नेपाल की यात्रा पर केवल एक निश्चित राशि ही ले जा सकते हैं, यह नियम नेपाल के लिए नुकसानदेह है और मांग की कि उन्हें सीमा पर जितना चाहें उतना पैसा ले जाने की अनुमति दी जाए।

एसोसिएशन के उपाध्यक्ष दिलीप गौचान ने कहा कि बुटवल में प्रांत की पहली केबल कार चालू होने के बाद उम्मीद जगी है कि प्रांतीय राजधानी बनने के बाद बुटवल का विकास होगा। उपाध्यक्ष गौचन ने केबल कार में एक पर्यटन सूचना केंद्र स्थापित करने का सुझाव दिया।

एसोसिएशन के सलाहकार महेंद्र नारायण श्रेष्ठ ने मांग की कि भारतीय पर्यटक अपने साथ कम से कम एक लाख रुपये लेकर आएं। श्रेष्ठ ने पूछा, "अगर पर्यटकों को उतना पैसा लाने की अनुमति नहीं है जितनी वे चाहते हैं तो पर्यटन व्यवसाय कैसे बढ़ सकता है।

एसोसिएशन के सदस्य प्रवीण शाक्य ने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश और बिहार की 40 करोड़ आबादी में से कुछ प्रतिशत को भी हर साल नेपाल की ओर आकर्षित किया जाए तो पर्यटन व्यवसाय फलेगा-फूलेगा और इसका देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को भारतीय पर्यटकों को लक्ष्य कर टूर गाइड तैयार करने और मार्केटिंग में मदद करनी चाहिए।

मौके पर एसोसिएशन के महासचिव विकास पांडे, कोषाध्यक्ष पदम केसी समेत अन्य ने कहा कि सरकार पर्यटन व्यवसाय अनुकूल नीति बनाने में विफल रही है।

बातचीत में लुंबिनी केबल कार के ऑपरेशन मैनेजर डीएन कायस्थ सैंजू ने बताया कि चूंकि पर्यटकों को ले जाने वाले भारतीय वाहनों को सीमा पार से केवल 7 किमी दूर नेपाल की ओर आने की अनुमति देने का प्रावधान उपयुक्त नहीं है, इसलिए उन्हें चुरे पहाड़ी की तलहटी तक आने की अनुमति देने का प्रावधान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि डेढ़ दशक से रुकी हुई लुम्बिनी केबल कार परियोजना में आईएमई ग्रुप के मुख्य भागीदार बनने के बाद इसे दो साल के भीतर चालू कर दिया गया और शीर्ष स्टेशन पर बना कामाख्या देवी मंदिर हिंदू भारतीय पर्यटको का मुख्य आकर्षण का केंद्र बन गया है।

3.5 अरब की लागत से 150 कमरों वाला पांच सितारा होटल, 1000 लोगों की क्षमता वाला एक बैंक्वेट हॉल, एक कैसीनो और एक स्विमिंग पूल के निर्माण की जानकारी जल्द ही लॉन्च की जाएगी। लुंबिनी केबल कार परियोजना, जो 15 मई से चल रही है, पांच सितारा होटल के साथ 5 अरब डॉलर की है।

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