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भारत नेपाल सीमा नाका: नेपाल जनप्रतिनिधियों के वादा हुआ हवाहवाई, सोनौली-बेलहिया पर घरेलू खरीदारों को नही मिला राहत


सोनौली महराजगंज।

विगत कई माह से नेपाल के बेलहिया भंसार के रवैये से भारत के सरहदी व्यापारी काफी आहत हो गए है, व्यापार में भारी नुकसान का सामना कर रहे व्यापारियों का आरोप है कि, नेपाल का रवैया दो मुहा साप की तरह है, जो सिर्फ अपना पेट भरना जानता है, व्यापारियों ने बताया कि, एक तरफ भारतीय टूरिस्ट और पर्यटक भारत से नेपाल मे 4 लाख से अधिक की मुद्रा ले जा सकते है, जबकि उनके अपने देश के आम नागरिकों को 100 रुपये से अधिक के भारतीय सामान ले जाने पर सख्त प्रतिबंध लगा रहे है। नेपाल के कैसिनो से लाखों लोग सैकड़ो करोड़ रुपये गवा चुके है तो यह कैसिनो कई भारतीय जिंदगियों को लील गई है।

सोनौली कारोबारियों का कहना है कि, विगत माह लुम्बिनी प्रदेश गृहमंत्री संतोष पाण्डेय ने वादा किया था कि, सोनौली मुख्य नाका से लोगो को कोई रोक टोक नही होगा, जबकि पगडंडियों पर तस्करी रोकथाम अभियान जारी रहेगा, मगर माह बीत गए नेपाल के किसी जनप्रतिनिधि का असर नही दिखता है, नेपाल के आम नागरिक हित मे।

विगत 3 माह हो गया मगर बेलहिया भंसार पर रोजमर्रा की जरूरतों को ले जाने वाले ग्राहकों को कोई छूट नही मिल रहा है, सोनौली के व्यापारी विक्की गुप्ता ने बताया कि, लुम्बिनी प्रदेश के गृह मंत्री संतोष पाण्डेय की बात हवाहवाई साबित हो रहा, जबकि बॉर्डर के पगडंडियों से तस्करी जारी है, वहीं मुख्य मार्ग पर सख्ती आम लोगो पर दिखा रहे है।

जानकारी देते चले कि, भारत नेपाल की संस्कृति और समानता में भारी मेल है, जिसके कारण विगत कई दशकों से भारत और नेपाल से रोटी और बेटी का रिश्ता कायम था, मगर एक दशक पूर्व ही नेपाल ने सुनियोजित तरीके से सर्वप्रथम बेटी बहु सम्बन्ध में खटास पैदा किया, नेपाल के भैरहवा से एक बारात ईश्वर चंद लेकर गोरखपुर गए वहाँ से वापसी में दहेज के सामानों पर बेलहिया भंसार कर्मियों ने भंसार लगा दिया, मजबूरन दहेजी सामानों को सोनौली के एक दुकान पर रख कर बेचना पड़ गया, दूसरा हाल ए दास्तां भी कुछ ऐसा ही है, जब एक बारात बुटवल नेपाल गया और वापसी में दहेजी सामानों सहित बेड, सोफा सेट का दूल्हे से वन विभाग का NOC मांगने लगा।


जबकि असल सच्चाई यह है कि, नेपाल के बड़े नेता और बड़े अफसर अपने नीले वाहनों से सीधा तस्करी को अंजाम देते है, ऐसा ही मामला अभी विगत माह सोनौली से एसी और फ़्रिज लेकर जाते हुवे पकड़ा गया था। सिर्फ एक ही वाहन नही है, लगभग नेपाल के सभी अधिकारियों के वाहनों से तस्करी के सामान नेपाल पहुच जाता है, मगर नेपाल के जिम्मेदार अधिकारी इस सम्बंध में चुप्पी साध लेते है। या यह कहते है कि, एम्बेसी से बात हुई है।

हालांकि कुल मिलाकर देखा जाए तो नेपाल भंसार शाखा में जो नियम है वह सिर्फ नेपाल के आम लोगो के लिए है, किसी बड़े नेपाली अफसर या बड़े नेपाली नेताओं के लिए कोई नियम कानून नेपाल में लागू प्रतीत नही होता नजर आ रहा है।

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