बॉर्डर स्पेशल: बेरोजगारो को फसा कर कराया जा रहा टमाटर की तस्करी
कैसे काम करता है ये नेटवर्क जुड़े है दर्जनों युवक
सरहद पर रहने वाले लोगो को होती है पगडंडियों की सटीक जानकारी
सोनौली/ठूठीबारी/नौतनवा महराजगंज
भारत में टमाटर की आसमान छूती क़ीमतों के बीच भारत-नेपाल सीमा पर नेपाल से इसकी तस्करी तेज़ हो गई है। जिसमे तस्कर सरहद पर बेरोजगार युवाओं को धन का लालच देकर उन्हें फसा कर तस्करी से जुड़े धंधे में ला रहे है। जिस काम के लिए उन्हें खर्च काट कर एक दिन में पंद्रह सौ रुपए की बचत हो रही है। भारत में टमाटर की क़ीमतें ग्रामीण क्षेत्रों में 150 रुपए और शहरी क्षेत्रों में 200 रुपए किलो तक पहुंच गई हैं। इससे आम लोगों की जेब पर बोझ बढ़ गया है तो तस्करों को कमाई का एक नया अवसर मिल गया है।
सब्जी व्यापारियों का कहना है कि नेपाल भैरहवा में सब्जी मंडी में टमाटर की कीमत फ़िलहाल 40 रुपये प्रति किलो है, जबकि भारत में यह 150 से 200 रुपये प्रति किलो है। जिसके कारण तस्करी बढ़ी है। और तस्कर बेरोजगारों को फंसा कर लाभ ले रहे है। क्योकि स्थानीय लोगों को सीमा की हरेक पगडंडी की जानकारी होती है और यह बड़ी आसानी से सामान लाने ले जाने में सफल रहते हैं।
करीब एक महीने से नेपाल के टमाटर भारत भेजे जा रहे हैं
नेपाल से भारत को सिर्फ टमाटर की तस्करी करीब एक माह से हो रही है। जिसमे सुरक्षा एजेंसियों को केवल एक से दो बरामदगी के बाद सेटिंग कर लिया गया है। भैरहवा के थोक सब्जी व्यापारी पदम् बनिया ने बताया कि नेपाल से प्रतिदिन 30 से 40 टन टमाटर भारत भेजा जाता है। नेपाल में खपत के अनुसार भारत मे इसकी ज्यादा खपत है। जिसमे 80 प्रतिशत टमाटर भारत के व्यापारी खरीद कर ले जाते है।
एक कैरेट में 20 किलो कितना मिलता है मुनाफा
नाम नही छपने की शर्त पर कुछ युवकों ने बताया कि नेपाल से रात में लाकर सीमावर्ती गांव और अपने धर पर टमाटर डंप करते है। फिर इसे टमाटर का मालिक पिकप पर लोड कर ले जाता है।
बॉर्डर पार करने के 320 नेपाली मुद्रा मजदूरी मिलता है। कुछ युवकों ने बताया कि एक कैरेट में 20 किलो टमाटर होता है। वह बॉर्डर से भारतीय सीमा में लाकर बाइक पर तीन से चार कैरेट लोड कर मेंहदावल पहुचा रहे है। जिसके बदले तीन हजार रुपए मिलते है। और 1500 पेट्रोल और रास्ते मे खर्च हो जाता है।
महराजगंज जनपद बना सुगम रास्ता
भारत नेपाल सीमा पर जून महीने से ही टमाटर की तस्करी जारी है। जिसमे सीमावर्ती जिला जनपद महराजगंज तस्करों के लिए सुगम रास्ता बना हुआ है।
टमाटर नेपाल के ज़िले रूपनदेही, नवलपरासी, कपिलवस्तु, म्याग्दी, के साथ ही कपूर कोट और अरगाखाची की मंडियों से खरीद कर सीमा से सटे रूपनदेही जिले में डंप किया जा रहा है।फिर वहां से कैरियर द्वारा भारतीय सीमा के गोदामो में रखा जाता है। यहां से भारत मे भेजा जा रहा है। महराजगंज जिला मेंहदावल और गोरखपुर की मंडियों में इसे 100 से 120 रुपए प्रतिकिलो बेच दिया जाता है।
नेटवर्क से जुड़े लोग भारत मे सीजन के अनुसार तस्करी में हो जाते है लिप्त सुरक्षा भगवान भरोसे
सिर्फ टमाटर ही नहीं बल्कि गोभी, पत्ता गोभी अदरक चाइना के सेव सीजन भाव के अनुसार भारत मे भाव बढ़ते ही इस सभी सब्जियो और फल की तस्करी शुरू कर देते है। जनपद भारत नेपाल सीमा से सटा हुआ है. यहां भारत-नेपाल की सीमा करीब 84 किलोमीटर खुली हुई है। जहां आसानी से इस पार से उस पार आया जा सकता है।
दोनों देशों के बीच दो मुख्य बार्डर चेक पोस्ट हैं, जिसमें अंतराष्ट्रीय सोनौली सीमा है और दूसरा ठूठीबारी इसके साथ ही नौतनवां, कोल्हुई, बरगदवा, परसा मलिक और निचलौल थाना झेत्र में भी नेपाल की सीमाएं जुड़ती है। बार्डर पर सशस्त्र सीमा बल के जवानों का कैम्प, कस्टम, पुलिस का थाना व चौकियां सुरक्षा व्यवस्था और बार्डर से आयात निर्यात पर नजर रखती हैं। फिर भी तस्करी नही रुक रही है।
खुली सीमा होने के कारण यहाँ तस्करी आम बात है. तस्कर दोनों देशों के बाज़ार पर नज़र बनाए रखते हैं और जिस भी समान क़ीमतों में दोनों देशों के बीच अंतर होता है उसकी तस्करी शुरू कर देते हैं।
सीमा से सटे गांवों में रहने वाले व्यापारी, बेरोज़गार और ग्रामीण आम तौर पर इस तरह की गतिविधियों में शामिल हो जाते है।
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