नेपाल में नेपालियों ने भारतीय मुद्रा का किया बहिष्कार, एक्सचेंज के नाम पर मनमानी रेट
नेपाल में कम हुआ भारतीय मुद्रा एक्सचेंज रेट काफी गिरावट
प्रथम 24 न्यूज़ डेक्स।
सोनौली महराजगंज।
नेपाल में अब भारतीय मुद्रा चलन में नही है। नेपाल के व्यापारी, होटल और पर्यटन से जुड़े लोगो ने भारतीय मुद्रा लेने से साफ मना कर दे रहे है। जिसको लेकर सरहद पर पहुचने पर एक सौ रुपये भारतीय मुद्रा के एक्सचेंज रेट मनी एक्सचेंज काउंटर पर 160 नेपाली मुद्रा की जगह 150 रुपए मिल रहे है। इसके साथ ही नेपाल के व्यापारियों ने भारतीय मुद्रा नही लेने के लिए दुकानों पेट्रोल पंप पर बाकायदा नोटिस चस्पा किया है।
भारत मे दो हजार भारतीय मुद्रा के चलन पर रोक के बाद नेपाल में भारतीय रुपये के स्थायी मूल्य के साथ खिलवाड़ करते हुवे नेपालियों ने कम रेट में एक्सचेंज करना शुरू कर दिया है। यही नही अब सरकारी कार्यालयों से लेकर दुकानों तक में अब भारतीय नोट का प्रचलन पूरी तरह बंद कर दिया गया है।
ऐसे में भारत से नेपाल जाने वाले लोगों को नेपाल में नोट एक्सचेंज करने पर भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। पहले भारतीय एक सौ रुपये के बदले 160 रुपये तक नेपाली नोट दिया जाता था। जबकि 164 रुपये नेपाली का 100 रुपये भारतीय मुद्रा में भुगतान होता था, अब नेपाल में मनमानी की जा रही है।
भारतीय पर्यटको को मजबूरी में जो कीमत मिल जाये, उसी से संतोष कर रहे हैं। आलम यह है कि पांच सौ रुपये का नेपाल में 700 से 750 रुपये तक ही दिया जा रहा। इसका कम से कम 800 नेपाली नोट मिलना चाहिए। भारतीय नोट के प्रचलन को नेपाल में बंद किये जाने से संबंधित सूचना पेट्रोल पंप सहित अन्य दुकानों व सरकारी कार्यालयों तक पर चिपका दिया गया है।
भंसार कार्यालय में अब नहीं लिये जा रहे भारतीय नोट
नेपाल में जाने के लिए भारतीय क्षेत्र के लोगों को वाहन का भंसार लेना जरूरी है, पूर्व में भारतीय क्षेत्र के लोग नेपाल जाते समय भारतीय नोट लेकर आसानी से जाते थे, कहीं पर भी नोट का आदान-प्रदान आसानी से हो जाता था। नेपाली लोग भारतीय नोट पाकर उत्साहित भी होते थे।
अब हालात बदल गये हैं। भारत में नोटबंदी के बाद नेपाल में दो हजार, पांच सौ के नोट पर रोक लगी थी। इन दिनों नेपाल में भारतीय दस रुपये का नोट भी नहीं लिया जा रहा। आलम यह है कि नेपाल में प्रवेश से पूर्व भंसार कार्यालय (सीमा पर स्थित नेपाली कार्यालय) भी भारतीय नोट नहीं ले रहा। ऐसे में जब भारतीय लोग नेपाल में प्रवेश करना चाहते हैं, तो उन्हें अपना नोट नेपाली नोट में बदलना ही पड़ेगा। पांच सौ के नोट देने पर बिचौलिये मात्र 700 से 750 रुपये ही देते हैं। नेपाली नोट के एक्सचेंज का कारोबार करने वालों ने बताया कि जितना अंदर नेपाली क्षेत्र में भारतीय नोट लेकर जाते हैं, उतनी अधिक परेशानी बढ़ेगी, कीमत कम मिलती जायेगी।
धार्मिक स्थलों पर जाने वालों को हो रही परेशानी
नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर में जाने वाले भारतीय श्रद्धालुओं की भीड़ है। रोजाना श्रद्धालु विभिन्न वाहनों से नेपाल काठमांडू में पशुपतिनाथ के दर्शन को भी लगातार लोगों का आना जाना लगा है। इन श्रद्धालुओं को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा। भारतीय नोट के बंद हो जाने से वहां हर सामान की खरीदारी करने पर नुकसान उठा रहे हैं।
व्यापार पर बुरा असर
व्यापार मंडल तहसील अध्यक्ष सुभाष जायसवाल ने बताया कि सीमावर्ती बाजार पर इसका बुरा असर पड़ा है। नेपाली ग्राहक भी 100 रुपए से अधिक मूल्य पर भन्सार लेने से भारतीय बाजारों में नही आ रहे हैं। इसका हमारे आपसी संबंधों पर भी बुरा असर है। पूर्व से हमारा नेपाल के साथ बेटी-रोटी का संबंध होने के कारण वहां रहने वाले हमारे संबंधियों के पास भी काफी भारतीय रुपये हैं, इससे पहले नेपाल के बाजार में कारोबार हो जाता था। अब नहीं हो रहा, ऐसे में नुकसान उठाते हुए लोग सामान की खरीदारी कर रहे हैं।
भारत-नेपाल के संबंध काफी पुराने
भारत और नेपाल के बीच संबंध सदियों पुराना है। सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और धार्मिक रुप से दोनों देशों को एक धागे में जोड़ता है। भारत से नेपाल मैत्री बसों का भी संचालन हो रहा है। जिसमे दिल्ली से सीधी बस सेवा काठमांडू को जोड़ती है।भारतीय मुद्रा हमेशा से नेपाल में आसानी से चलती थी। शम्भू आर्याल निवासी बेलहिया नेपाल ने बताया कि आज भी हमारे पास 1000 रुपये और 500 रुपये के पुराने भारतीय नोट पड़े हैं, जिन्हें नेपाल सरकार द्वारा वापस नहीं लिया गया है।
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