तीन त्रिपाठियो में कौन है भारी, क्या पंजा से जंग है जारी, क्या साइकिल चलेगी अबकी बारी, जनता में चल रही चर्चा बारी बारी
विशेष रिपोर्ट सोनौली/महराजगंज
निकाय चुनाव सकुशल सम्पन्न होने, मतदाताओं के मत पेटियों में जमा होने व प्रत्याशियों का भविष्य 13 तारीख खुलने तक, चुनावी माहौल से निजात मिलते ही अब प्रत्याशियों के मनोभाव व व्यक्तित्व की समीक्षा के साथ ही साथ उनके जमीनी वोटरों व समर्थको को लेकर कयासों का बाजार चरम पर है। निकाय चुनाव के नतीजे 13 को मिलेंगे, मगर जनता में अभी से चर्चाओं का बाजार महकाया जा रहा है।
निकाय चुनाव सम्पन्न होने के उपरांत अब जनता में चर्चाओं का बाजार चौक चौराहों के चाय पान के दुकानों पर कानाफूसी के रूप में शुरू हो गया है, चर्चाओं में शामिल जितने लोग उतनी बात, हालांकि नगर के हर चौक चौराहों पर अलग अलग चर्चाओं का बाजार गरमाया हुआ है।
सबसे पहले शुरू करेंगे अपने आर्टिकल में शीर्षक लाइन के पहले कालम से, इस कालम में "तीन त्रिपाठियो में कौन है भारी" तो तो आइए जानते है नगर पंचायत सोनौली के सबसे चर्चित कानाफूसी की ओर, ज्ञात हो कि, भाजपा से अखिलेश त्रिपाठी, बसपा से कामना त्रिपाठी एवं बसपा समर्थित निर्दल प्रत्याशी दीपक त्रिपाठी चुनावी मैदान में अपने पूरे ताकत के साथ खड़े रहे।
वही एक विशेष वोट बैंक पर अपनी मजबूती पकड़ के धनी कहे जाने वाले हबीब खान इस बार कांग्रेस के साथ खड़े रहे, कयासों के बाजार में तीन त्रिपाठियो की पंजा से लड़ाई की चर्चा सुनने को मिल रही है, वही नगर के चौक चैराहो पर सपा नेता बैजू यादव के साइकिल की चर्चा भी है।
जबकि निर्दल चेयरमैन प्रत्याशी अहद खान अपने खास अंदाज के साथ जनता के बीच अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज कराई है। वही पूरे शोर शराबे के साथ निकाय चुनाव में उतरे पूर्व सभासद वकील अहमद ने पंजा का साथ देने के बाद फिर से सभासद प्रत्याशी रहे। वही भाजपा से टिकट ना मिलने से नाराज चल रहे महेन्द्र जायसवाल ने बागी तेवर दिखाते हुवे निर्दल चुनाव मैदान में उतर गए।
कयासों के बाजार में भले ही कुछ भी चर्चा हो मगर जनता ने किसको सोनौली का सिपहसालार बनाया है इसकी सत्यता तो 13 तारीख को ही खुलेगी तभी ज्ञात होगा कि, किसके सिर पर सजेगी चेयरमैन का ताज।
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