ऐतिहासिक नगरी बृजमनगंज में ब्रिटिश कालीन निर्मित भवन पर बनेगा नगर पंचायत कार्यालय....ईओ अवध प्रकाश सिंह
प्रथम मीडिया नेटवर्क
बृजमनगंज महराजगंज।
बृजमनगंज के ब्रिटिश कालीन जर्जर भवन की जमीन पर नगर पंचायत का भव्य कार्यालय निर्माण होने की चर्चा आ रही है। खबरों के मुताबिक बताया जा रहा है कि, वर्षो से खंडहर बने भवन की भूमि पर नगर पंचायत का कार्यालय बनने के बाद एक बार फिर उस स्थान की रौंनक वापस लौटने के साथ ही बृजमनगंज वासियों के लिए विकास भी जुड़ेगा।
इस सम्बंध में ईओ अवध प्रकाश सिंह ने बताया की जमीन का पैमाइस हो चुका है तथा शासन स्तर पर कार्यालय निर्माण के लिए विभाग को पैसा भी भेज दिया गया है। कार्यालय निर्माण जल्द शुरू हो जाएगा।
आइये जानते है बृजमनगंज का इतिहास......
अंग्रेजी हुकूमत से निजात के लिए भारतीयों के संघर्ष की कहानी से इतिहास के हर पन्ने पर दर्ज है। अंग्रेजों के अत्याचार से मुक्ति पाने और गुलामी की जंजीरें तोड़कर आजादी की फिजा में सांस लेने के लिए गांव-गांव में लोग उठ खड़े हुए थे। इतिहास के ऐसे ही अध्याय का एक पन्ना बृजमनगंज का भी है। इलाके के किसानों और व्यापारियों के विरोध के चलते अंग्रेजी हुकूमत के पसीने छूट गए थे। विरोध इतना मुखर और सशक्त था कि अंग्रेज अधिकारियों को बृजमनगंज कस्बा छोड़ाना पड़ा था।
अंग्रेज अधिकारी के अत्याचार के विरोध में खड़े हुए थे लोग
बृजमनगंज में अंग्रेज अफसर जानहाल बृजमैन तैनात हुआ। धीरे-धीरे उसने इलाके के किसानों और व्यापारियों से कर वसूलना शुरू किया। बाद में उसने कई तरह के कर लगा दिए। कर इतना अधिक हो गया कि लोगों के देने की बस की बात नहीं रही। इसके विरोध में एकजुट होकर लोग विरोध में उठ खड़े हुए। उसके बाद की बातें इतिहास में इालके की आजादी के नाम से दर्ज है।
बृजमैन ने बसाया था बृजमनगंज, बेटी के नाम पर लेहड़ा स्टेट
अंग्रेज अफसर जानहाल बृजमैन ने ही बृजमनगंज कस्बे की नीव रखी थी। तब कस्बे को साहबगंज कहा जाता था। धीरे-धीरे यह कस्बा अनाज के कारोबार की बड़ी मंडी बन गया। बाद में कस्बा बृजमनगंज के नाम से जाना जाने लगा। बृजमैन की बेटी का नाम लैरा था। बेटी के नाम पर उसने लैरा स्टेट की स्थापना की। बाद में इसका नाम लेहड़ा हो गया।
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