वर्षों से अधूरे पड़े काली माता के मन्दिर का बाउंड्री वाल कार्य ग्रामीणों के श्रम दान से सम्पन्न - प्रथम 24 न्यूज़

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वर्षों से अधूरे पड़े काली माता के मन्दिर का बाउंड्री वाल कार्य ग्रामीणों के श्रम दान से सम्पन्न



धर्मेन्द्र कुमार की रिपोर्ट

 मऊ :- तहसील  मोहम्मदाबाद गोहना क्षेत्र के ग्राम भातकोल में विगत कई वर्षों से आस्था का केंद्र प्रसिद्ध  काली मंदिर के बाउंड्री वाल व सुंदरीकरण का कार्य लंबित था।  लोगों को अपने ग्राम प्रधान पर विश्वास था , की उन के माध्यम से बाउंड्री वाल का निर्माण संभव हो सकेगा । परंतु लोगों की आस व उम्मीद धरी की धरी रह गई , अंत में ग्राम वासियों ने रविवार को आस्था के प्रतीक काली मंदिर के निर्माण का बीड़ा उठाया और चंदा इकट्ठा कर जेसीबी मसीन मगा कर नीव की खुदाई की गई , साथ ही काफी संख्या में ग्रामीण एकत्र होकर निर्माण कार्य आरंभ कर दिए। बताते चलें कि इस प्राचीन काली मंदिर पर लोगों की काफी आस्था रहती है , लोगों की मन्नतें भी पूरी होती हैं। शादी विवाह व अन्य अवसरों पर काली पूजन बड़े ही धूमधाम से कराया जाता है। आस्था के प्रतीक इस काली मंदिर पर दूर-दराज से लोग भी आते हैं , और अपनी मुरादे पूरी करने हेतु मिन्नते करते हैं।


 परंतु बाउंड्री वाल व सुंदरीकरण के ना होने से लोग मायूस थे lग्रामीण अजय शर्मा, आशुतोष शर्मा , अशोक शर्मा , अनिल चौहान , फौजदार चौहान , गुड्डू चौहान , राम भवन , सुभाष यादव , प्रदीप कुमार ,सुनील यादव , रामानंद यादव ,रमाकांत यादव ,पारसनाथ यादव , वरखू चौहान ,व बृजेश चौहान सुरेन्द्र चौहान,आदि काफी संख्या में ग्रामीण एकत्र होकर काली मंदिर के सुंदरीकरण वह बाउंड्री वाल के निर्माण में लगे हुए हैं। लोगों ने कहा की संघे शक्ति से हर बड़े से बड़े कार्य संभव हो सकते हैं बस शुरू करने की देरी है।


काफी संख्या में एकत्र ग्रामीणों ने बताया कि भातकोल के ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की निरंकुशता के चलते डेढ़ सौ मीटर मार्ग पर घरों के गंदा पानी इकट्ठा होकर सड़ांध पैदा होती थी, और लोग संक्रामक बीमारियों का शिकार होते थे ग्राम प्रधान के सहयोग न करने से लोगों ने 80 हजार रुपए चंदा के रूप में इकट्ठा कर मिट्टी डाला और डेढ़ सौ मीटर लंबे तथा ढाई मीटर चौड़े खड़ंजा मार्ग का भी निर्माण करा दिया मजे की बात यह है कि ग्राम प्रधान के दरवाजे के मुख्य गेट से अनिरुद्ध चौहान के दरवाजे तक डेढ़ सौ मीटर  मार्ग पूरी तरह जलमग्न रहता था।


 जिसे ग्रामीणों ने चन्दे इक्कठा कर के खड़ंजे का निर्माण तो कर लिया और एक बार फिर ग्राम वासियों ने क्षेत्रीय लोगों से इस धार्मिक कार्य हेतु सहयोग की अपील की है।

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