आदिवासी लोकनर्तकों के मांदर और ढोल के थाप से गुंजा चित्रकोट का जलप्रपात - प्रथम 24 न्यूज़

Header Ads

आदिवासी लोकनर्तकों के मांदर और ढोल के थाप से गुंजा चित्रकोट का जलप्रपात



छत्तीसगढ़ राज्य  प्रभारी विरेन्द्र नाथ 

जगदलपुर -चित्रकोट महोत्सव के दूसरे दिन बुधवार को बस्तर जिले के दरभा बस्तर और बास्तानार विकाखण्ड के साथ ही सुकमा जिले के मिसमा, कोंडागांव जिले के किवई बालेंगा और बीजापुर जिले के अम्बेली के लोक नर्तकों ने समां बांधा। चित्रकोट का जलप्रपात इस दौरान आदिवासी लोकनर्तकों के मांदर और ढोल की थाप से गुंज उठा।

इंद्रावती नदी के तट पर चित्रकोट जलप्रपात के समीप सुकमा जिले के कोंटा विकासखण्ड के ग्राम मिसमा के लोक नर्तकों ने कोया नाच, कोंडागांव जिले के किवई बालेंगा के लोक नर्तकों ने माटी मांदरी लोक नृत्य, बीजापुर जिले के अम्बेली के लोक नर्तकों ने चढंगा लोकनृत्य प्रस्तुत किया। इसके साथ ही बस्तर जिले के दरभा विकासखण्ड के लोकनर्तकों ने धुरवा मंडई नाच, बस्तर विकासखण्ड के लोकनर्तकों ने गेड़ी नृत्य तथा बास्तानार विकासखण्ड के बड़े किलेपाल के लोकनर्तकों ने गौर नृत्य का प्रदर्शन किया गया।इस दौरान सांसद  दीपक बैज, पुलिस महानिरीक्षक  सुंदरराज पी, कलेक्टर  रजत बंसल,  एसपी  दीपक झा सहित जनप्रतिनिधि, पर्यटक और आसपास के ग्रामीणों ने  ने कार्यक्रम का  लुत्फ उठाया। इसके साथ ही यहां नुपूर संजना दान और विधि मंडावी ने एकल नृत्य व भरत गंगादित्य द्वारा लाला जगदलपुरी के स्थानीय बोली के गीत-संगीत, शुभम मित्तल के द्वारा शास्त्रीय व सूफी बाॅलीवुड गीतों की प्रस्तुति दी गई, दिलीप षडं़गी द्वारा छत्तीसगढ़ी गीतों की प्रस्तुति के साथ ही कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया।

कोई टिप्पणी नहीं

इस पोस्ट से सम्बंधित अपने विचारों से हमे अवगत जरूर कराए

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.