आस जगाने वाली रिपोर्ट: क्या हुआ पिछले तीन दिनों से नेपाल में जाने पूरी खबर "एक नजर में"
प्रथम 24 न्यूज़ डेक्स।
भैरहवा/परासी/ककरहवा- नेपाल।
विगत 10 माह से बन्द नेपाल-भारत की सीमा पर सवारी वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध बदस्तूर जारी है, लोग घरों में कैद हो गए है, नेपाली जनता ने सरकार पर आरोप लगाया है कि नेपाल एकतरफा बॉर्डर सील कर अपने ही नागरिकों को भुखमरी के कगार पर ला कर खड़ा कर दिया है।
वही दूसरी तरफ नेपाल की जनता अपने सरकार से लगातार गुहार लगा रही है कि उनका जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है, ना रोजगार बचा है, ना ही कारोबार चल रहा है, मगर नेपाल सरकार उनका एक भी नही सुन रहा है।
जानकारी देते चले कि पड़ोसी व मित्र राष्ट्र भारत से नेपाल का रोटी और बेटी का रिश्ता है, लोगो की रिस्तेदारी दोनों देशों में है, यही नही भारतीय क्षेत्र व नेपाल के लोग दोनों देशों में कामगार व व्यापार करने आते जाते रहते है, मगर 10 माह से जैसे यहां जिंदगी थम सी गई है।
कामगारों के पास काम नही, तो व्यापारियों के लिए व्यापार करने का कोई मार्ग नही बचा। दोनों देशों की स्थानीय जनता ने अपने अपने स्तर से अपने अपने सरकारों को ज़मीनी सच्चाई से कई बार रूबरू कराने का पहल किया मगर नतीजा सिफर रहा।
विगत तीन दिनों नेपाल में बॉर्डर को खुलवाने का मांग तेजी से बढ़ रहा है, जनता सड़को पर उतरने को तैयार है, तराई का आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले नगरों भैरहवा, बुटवल में मातम सा सन्नाटा फैला हुआ है, अब लोग घरों से बाहर निकल अपने जीने के विकल्प को तलाशने में लगे हुवे है।
सूत्रों की माने तो नेपाल को भारतीय वैक्सीन मिलने का इंतजार था, जो उसे मिल गया है, सूत्रों के हवाले से पता चला है कि नेपाल सरकार अब बॉर्डर खोलने पर जल्द ही विचार कर सकता है। हालांकि अभी यह तय नही है कि कब तक बॉर्डर को खोला जाएगा।
नेपाली मीडिया के रिपोर्ट पर आधारित खबर
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