कोल्हुई में स्थित नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर घंटों तड़पती रही प्रशव पीड़िता, नवजात शिशु की मौत
बहदुरी बाजार से गणेश यादव की रिपोर्ट/
नया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कोल्हुई के गेट पर एक प्रसव पीड़ित महिला घंटों तड़पती रही, जहाँ उसका कोई पुरसाहाल नहीं रहा। अस्पताल में एक दाई के सिवा कोई स्टाफ मौजूद नहीं होने से एक निजी अस्पताल में उसका बच्चा तो पैदा हुआ पर उसे बचाया नहीं जा सका।
मानवता को शर्मसार करने वाली यह दर्दनाक घटना दीपावली की रात में घटी, क्षेत्र के मंगलपुर निवासी तबारक अपनी पत्नी सबीदा को प्रसव पीड़ा होने पर एम्बुलेंस से नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोल्हुई पहुँचे।वहॉ का मंजर ऐसा रहा कि उस प्रसव पीड़िता को अस्पताल में भर्ती करने को कौन कहे उसे रहने के लिए जगह तक नहीं दी गयी। प्रसव पीड़िता घंटों अस्पताल के गेट पर तड़पती रही। कोई स्टाफ पूछने तक नहीं आया। प्रसव पीड़िता समेत उसके परिजन खुले आसमान में ठण्ड की मार और ऊपर से प्रसव की पीड़ा से बेहाल अस्पताल में मात्र एक दाई से गुहार लगते रहे। सभी स्टाफ नदारद होने से उनका कोई पुरसाहाल नहीं रहा।
इसी बीच गश्त पर निकले थाना प्रभारी कोल्हुई रामसहाय चौहान की निगाह उनपर पड़ी। प्रसव पीड़िता की हालत गंभीर देखते हुए वह एम्बुलेंस से महराजगंज अस्पताल भेजवाये, ज्यादा वक्त तक कोल्हुई अस्पताल गेट पर तड़पने से जच्चा बच्चा को जान का खतरा हो गया था। हालत गंभीर देख महराजगंज से उसे मेडिकल कालेज गोरखपुर रेफर कर दिया गया। परंतु वहाँ परिजन प्रसव पीड़िता को खतरे में देख तत्काल उपचार की जरूरत समझ कर निजी अस्पताल में भर्ती करा दिए। जहाँ प्रशव तो हुआ पर बच्चे की मौत हो गयी।
महिला की हालत चिंताजनक बतायी जा रही है। जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोगों का मानना है कि अगर कोल्हुई के अस्पताल में उक्त प्रसव पीड़िता का तत्काल उपचार हो गया होता तो बच्चे की जान बचायी जा सकती थी। इसे अस्पताल के स्टाफ की घोर लापरवाही ही कही जाएगी।
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