राजीव यादव अटेवा की लहर देख रिटायर मठाधीश प्रत्याशी हतास-- हाजी शैफुददुजा मदरसा शिक्षक महराजगंज़
रिजनल प्रभारी गोरखपुर/ नसीम खान
गोरखपुर फैज़ाबाद खण्ड से अटेवा के शिक्षक एमएलसी प्रत्याशी राजीव यादव की लहर को देख कर शिक्षक पद से रिटायर हो चुके प्रत्याशी हतास हैं। अपनी ज़मानत बचाने के लिए हर हथकण्डा अपना रहे हैं, लम्बे समय से सदन में रहते हुए भी शिक्षकों का भला नहीं कर पाए, अपने निजी फायदे के लिए काम किया पेंशन बन्द हुआ तो भी ये लोग सदन में बैठ कर मौन रहे, भत्ते बन्द हुए तब भी ये सदन में चुप रहे, इन के सदन में रहते मदरसों की सेवा शर्तें नहीं बन पाई, लम्बे समय से मदरसों को अनुदान सूची में नहीं लिया गया, जब अटेवा ने इन का पोल खोला अपने प्रत्याशी उतार कर बताया कि ये रिटायरमेन्ट लोग हमारी समस्या क्यों उठाएंगे, हम खुद लड़ेंगे तो घबड़ाये लोग अपना वजूद बचाने के लिए बीजेपी के गोद में जा बैठे, हद तो तब होगई जब उत्तर प्रदेश मदरसों के दो प्रमुख तंजीमें उन प्रत्याशियों की प्रचार कर रही है जिन को जिताने के लिए बीजेपी ने अपना प्रत्याशी नहीं उतारा पर इन के प्रचार का कोई असर मदरसों पर नहीं पड़ रहा है। मदरसे वाले जानते हैं कि मदरसों में अधिक संख्या में वोटर बनाने का काम राजीव यादव ने किया है तो वोट सिर्फ राजीव यादव को ही देंगे, पूर्व में भी एमएलसी चुनाव होता था मगर ये मदरसों के मठाधीस संगठन हो या रिटायर प्रत्याशी कभी भी सभी मदरसों को वोटर नहीं बनवाया और उन एमएलसियों से अपना निजी फायदा उठाते रहे,अब अटेवियन्स की भारी संख्या बल के साथ राजीव यादव जब मैदान में उतरे हैं तो ये मदरसा संगठनों के रिटायर प्रमुख जिलों में घूम कर रिटायर प्रत्याशियों का प्रचार शुरू कर दिए हैं, हर मदरसा शिक्षक ये जान चुका है कि मदरसों का भला करने ये नहीं निकले हैं ये अपना भला करने निकले हैं। मदरसों से सम्पर्क कर जब हाल जाना गया तो बड़ा खुलासा हुआ शिक्षकों से जब बात की गई तो उन्होंने ने कहा कि पहले जो रिटायर हो चुके हैं वो अपना पद छोड़ें वर्षों से मदरसों के मठाधीश संगठन अपने निजी फायदे के लिए वोट लेते रहे अबकी बार जब हमारा पेंशनविहीन साथी हमारी आवाज बनकर खड़ा हुआ है तो ये उस का विरोध क्यों कर रहे हैं, एक बार अपने दिल की आवाज सुन कर राजीव यादव के साथ आ जाना चाहिए था, अब मदरसा शिक्षकों का ये भी कहना है कि जब जिलों पर हमारी समस्या अटेवा हल करा रहा है तो हम जिले से प्रदेश तक अटेवियन्स ही बन जाएंगे।
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