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24 घण्टे बाद भी लकड़ी तस्करों को पकड़ने में असफल रहा, वन विभाग


🔔 पर्यावरण संरक्षण पर प्रश्न, उजड़ रहे वन


जितेन्द्र निषाद

जिला प्रभारी महराजगंज

महराजगंज
 कभी वन संपदा से भरे पड़े बांकी रेंज के हेंछापर के भलुआन जंगल वर्तमान में वन माफियाओं व तस्करों की बुरी नजर पड़ गई है। धड़ल्ले से साखू सागौन के हरे पेड़ों पर तस्करों की कुल्हाड़ी चल रहीं हैं। विभाग की मौन स्वीकृति के बाद लकड़ी तस्करों द्वारा पेड़ों को काट कर औने-पौने दामों पर बड़े व्यापारियों के हाथों बेचे जा रहे हैं।

 वन में पेड़ों पर कुल्हाड़ियां ज्यादा ही चल रही हैं। बुधवार की देर रात्रि बाद लकड़ी चोर पेड़ों को काटकर  ठिकाने लगाने के फिराक में थें लेकिन सफल नहीं हो सकें।

मिलीं जानकारी के अनुसार रात्रि में जंगल के बेसकिमती पेड़ सगौन  व साखू पेड काटकर मोटरसाइकिल व साइकिलों पर लाद कर ठिकाने लगा दे रहे हैं। विभाग के कुछ कर्मचारी चंद पैसों के लिए अवैध कटान की तरफ से आंखें फेर लेते हैं। स्थिति यह कि जंगल में बाहर से तो पेड़ दिखाई देते हैं, लेकिन बीच जंगल में मोटे पेड़ पूरी तरह से साफ हो गए हैं। आपको बतातें चलें की बांकी रेंज के वन कर्मियों ने छापेमारी कर हेमछापर बीट के जंगल में(9)बोटा सागौन की लकड़ी बरामद किया।

वहीं बोटा बना रहे लकड़ी चोर वन कर्मियों को देखकर मौके से फरार हो गए। क्षेत्रीय वनाधिकारी बांकी रेंज पनियरा जगदम्बा पाठक ने बताया कि कुछ लकड़ी चोर हेमछापर बीट के जंगल में सागौन के पेड़ को काटकर (9) बोटा बनाकर कहीं बेचने के फिराक में थे।मूखबिर के सूचना पर उक्त स्थान पर छापेमारी कर सागौन की लकड़ी बरामद किया। वहीं लकड़ी तस्कर मौके से भाग निकले जिन्हें पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि लकड़ी चोरों की तलाश जारी है। लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी असफल रहे वन कर्मी और लकड़ी तस्कर वन चौकी हेन्छापर खा रहे दावत तो कैसे होगी वनों की सुरक्षा,अब देखना है की वनकर्मी कब तक सभी लकड़ी तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करके होगी जेल।

वहीं बड़ी लापरवाही के कारण हेमछापर बीट के वन दरोगा अजीत पति त्रिपाठी के कार्य क्षेत्र को बदल दिया गया। उनके जगह पर सत्य प्रकाश चौरसिया को हेमछापर बीट का वन दरोगा नियुक्त किया गया है

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