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बेंगलुरु में फंसे पूर्वांचलियों के मददगार बने गोरखपुर के रोहताश, ऐसे कर रहे हैं मदद


गोरखपुर प्रभारी गिरिजा शंकर पाण्डेय की रिपोर्ट
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बेंगलुरु शहर में फंसे पूर्वांचल और बिहार के लोगों के लिए गोरखपुर के रहने वाले रोहताश श्रीवास्तव मसीहा बनकर उभरे हैं। वह अब तक सैकड़ों लोगों की मदद कर चुके हैं. मदद का सिलसिला अभी भी जारी है. आप भी उनसे 8431399997 पर संपर्क कर सकते हैं।
गौरतलब है कि गोरखपुर के मोहद्दीपुर के रहने वाले रोहताश श्रीवास्तव पेशे से इंजीनियर हैं और अपने फैमिली के साथ काफी समय से बेंगलुरु शहर में रहते हैं. उनका कहना है कि कोरोना संकट के कारण लगाए गए लॉकडाउन से हजारों लोग बेंगलुरु में फंस गए. इनमें अधिकतर मजदूर हैं, जो स्थानीय भाषा नहीं जानते हैं. भाषा नहीं जानने के लिए उनका काफी दिक्कत हो रही है।
रोहताश श्रीवास्तव ने कहा कि मैं इन मजदूरों की मदद करना चाहता था, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा था. इसके बाद मैंने गोरखपुर के एक अखबार से संपर्क किया और मदद के लिए अपना नंबर जारी किया. इसके बाद बेंगलुरु में फंसे कई मजदूरों के फोन आने लगे। वह अपनी अलग-अलग तरह की समस्या बता रहे थे।
मजदूरों की समस्याओं को सुन व समझ कर रोहताश श्रीवास्तव ने बेंगलुरु और कर्नाटक सरकार के स्थानीय अधिकारियों से संपर्क किया और उनकी मदद कराने लगे. मजदूरों को घर वापसी के साथ ही रहने और खाने की समस्या हो रही थी, जिसका काफी हद तक समाधान कराने की कोशिश की गई है।
रोहताश श्रीवास्तव ने कहा कि मैं चाहता हूं कि पूर्वांचल या बिहार का कोई भी मजदूर भाषा की समस्या के कारण यहां परेशान न हो. मैं 24 घंटे फोन पर मौजूद हूं. कोई भी मुझसे संपर्क कर सकता है और मैं उनकी मदद की पूरी कोशिश करूंगा. मेरा मोबाइल नंबर 8431399997 है।
इस काम में रोहताश श्रीवास्तव की मदद उनकी पत्नी मोनिका और बेटी हर्शांगी करती हैं। वह मजदूरों का ब्यौरा इकट्ठा कर रहे हैं और इस की जानकारी संबंधित जिला प्रशासन को दी जा रही है ।इसके साथ रोहताश की ओर से मदद की जा रही है।

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