सभी संस्कारो मे उत्तम होता है विवाह संस्कार - प्रथम 24 न्यूज़

Header Ads

सभी संस्कारो मे उत्तम होता है विवाह संस्कार


लक्ष्मीपुर से नसीम खान की रिपोर्ट
======================
सभी संस्कारों से उत्तम विवाह संस्कार होता है। विवाह संस्कार में मनुष्य गृहस्थ जीवन में प्रवेश करता है। गृहस्थ वह तपोवन है। जिसमें सभी प्रकार के तप व कर्म शामिल हो जाते हैं। इसलिए विवाह को उत्तम संस्कार माना जाता है। इसमें कन्या पक्ष की तरफ से कन्यादान किया जाता है, जो उत्तम दान है। उक्त बातें श्रीधाम वृंदावन धाम मथुरा से पधारे कथा वाचक संतोष शुक्ल जी महाराज ने कहीं।

लक्ष्मीपुर क्षेत्र के पैसिया ललाइन के ओबा  माता के स्थान पर आयोजित विष्णु महायज्ञ के छठे दिन प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने शिव पार्वती के विवाह संस्कार का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान शिव व माता पार्वती का विवाह एक अजीब संयोग हैं। जब भगवान शिव की बारात सती के दरवाजे पर पहुंचा तो वहां के लोगों को इनका रूप रंग व बारातियों को देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ। नारद ऋषि के समझाने के बाद ही सती की मां को थोड़ा विश्वास हुआ। भगवान शिव के बारात में भूत व प्रेत कई प्रकार के जीव-जंतु व सभी देवता बाराती के रूप में पहुंचे हुए थे। उन्होंने कहा कि भगवान शिव व पार्वती का विवाह तो जन्म जन्मांतर के लिए हो चुका है। पार्वती अपने हर जन्म में भगवान शिव को ही अपना पति मानती हैं। मनुष्य का विवाह केवल एक जन्म के लिए नहीं होता है, बल्कि जन्म जन्मांतर के लिए होता है। दौरान छोटन गुप्ता, सुधाकर यादव, रमेश त्रिपाठी, मुन्ना,
नन्दलाल, सुधाकर यादव, प्रधान प्रतिनिधि चेतन गुप्ता, श्रीनारायण गुप्ता, संतोष त्रिपाठी, रमेश मद्धेशिया, रमेश बाबा, रामजन्म यादव, बेचन गुप्ता,  राजेन्द्र, सुनील श्रीवास्तव, राजेश यादव, संजय यादव, हरिशंकर यादव, जितेंद्र यादव आदि शामिल रहे।

कोई टिप्पणी नहीं

इस पोस्ट से सम्बंधित अपने विचारों से हमे अवगत जरूर कराए

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.