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बॉर्डर से सवारी उठाते सादे नम्बर प्लेट की ई रिक्शा, सुरक्षा और सतर्कता में दे रहे चुनौती


प्रतिनिधि: असलम खान
सोनौली महराजगंज।

अतिसंवेदनशील बॉर्डर में सुमार भारत नेपाल के सोनौली बॉर्डर पर सुरक्षा और मानकों दर किनार करते हुवे सरहद की जीरो पॉइंट के पास से ई रिक्शा द्वारा सवारी उठाना बेहद संवेदनशील मामला तो है ही वही बिना नम्बर प्लेट का होना और भी घातक नजर आता है। जबकि इस बॉर्डर से आएं दिन विदेशी घुसपैठिए गिरफ्तार होते रहते है, ऐसे में सरहद से ई रिक्शा द्वारा यात्री को उठाना सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौतियों से भरा मामला साबित हो रहा है।

ई रिक्शा जोन के रूप में:- सरहद से सटे नोमेन्स लैंड से लेकर भारतीय कस्टम चौकी, या फिर रामजानकी तिराहा, सब जगह ई रिक्शा नजर आते है, इनमे से 90 प्रतिशत का नम्बर प्लेट (नम्बर रहित) सादा है।


ई रिक्शा चालकों में सबसे अधिक नाबालिग है, जबकि नौ युवक वर्ग की संख्या नाम मात्र है। वही इस सम्बंध में व्यापारियों का कहना है कि, बिना नम्बर प्लेट की ई रिक्शा सीमा पर सुरक्षा में सेंधमारी का कारण हो सकते है, यही नही इन ई रिक्शा में बिना नम्बर प्लेट की ई रिक्शा से होने वाली घटनाओं एवं दुर्घटनाओं में इनको पहचान  कर पाना असंभव है।

विदित हो कि, भारत नेपाल का सोनौली बॉर्डर एक अतिसंवेदनशील बॉर्डर की श्रेणी में आता है, आएं दिन इस बॉर्डर से एसएसबी और स्थानीय पुलिस की सतर्कता से विदेशी घुसपैठिए गिरफ्तार किए जाते है, इस बॉर्डर से तस्करी की घटनाएं भी आम बात है, ऐसे में बॉर्डर पर सुरक्षा और सतर्कता को यह ई रिक्शा लगातार चुनौती देते नजर आ रहे है।

वही मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए सोनौली के मुख्य मार्ग, दो नम्बर गली से सवारी उठा कर मंगल बाजार से होते हुवे नौतनवां रेलवे स्टेशन व अन्य गंतव्य तक पहुचा रहे है, जिससे यह सुरक्षा में लगे एसएसबी और स्थानीय पुलिस सहित भारतीय आव्रजन विभाग जैसे एजेंसियों की आंखों में धूल झोंककर निकलने में कामयाब रहते है।

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