NEPAL BREAKING NEWS: 200 पाकिस्तानी मुसलमानों ने नेपाल को बनाया अपना आशियाना, ज्यादातर अवैध रूप से है, आइये जानते है विशेष रिपोर्ट
काठमांडू डेक्स।
इस्लामिक देश पाकिस्तान में मुसलमान ही मुसलमान का दुश्मन बन चुका है जिसका उदाहरण पाक से जान बचा कर हिन्दू बहुलता देश नेपाल में शरणार्थी के रूप में वर्षो से रह रहे मुसलमान परिवार है, मीडिया सूत्र बताते है कि, बिगत 10 से 11 वर्ष में 200 से अधिक मुस्लिम परिवार पाकिस्तान से भाग कर वैध अवैध रूप से नेपाल में जम गए है। जो नेपाल ही नही बल्कि भारत के लिए भी भविष्य में घातक साबित हो सकते है।
पाकिस्तान से जान बचाकर नेपाल में रह रहे अनवर हुसैन पाकिस्तान में कराची के मंज़ूर कॉलोनी में रहते थे, इन्होंने बताया कि, वह जब पाकिस्तान में रहते थे, हर सुबह अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने जाते थे तो पहले चारों तरफ़ देख लेते थे कि कहीं उनकी या उनके बच्चे की जान को कोई ख़तरा तो नहीं है। वह कहते हैं, “मैं अपनी मोटरसाइकिल स्टार्ट करने से पहले चारों तरफ़ देखा करता था कि वहां कोई हथियारबंद आदमी तो मौजूद नहीं है.” वह बताते है कि, अब पाकिस्तान छोड़ने के साथ ही उनका डर भी ख़त्म हो चुका है। वह अब पिछले 11 सालों से नेपाल की राजधानी काठमांडू में रह रहे हैं।
अनवर हुसैन अहमदिया मुसलमान हैं लेकिन पाकिस्तान में अहमदिया को ग़ैर-मुस्लिम माना जाता है, पाकिस्तान में अहमदिया मुसलमानों पर आए दिन हमले होते रहते हैं। अनवर हुसैन कहते हैं कि, कराची स्थित उनकी कॉलोनी में 14 से 15 लोगों की हत्या अहमदिया होने के कारण कर दी गई, जो बचे हैं, वो डर के साये में जी रहे हैं।
बताया जा रहा है कि, 13 सितम्बर 2024 तक नेपाल में पाकिस्तान के 200 से ज़्यादा अहमदिया मुसलमान शरणार्थी के रूप में रह रहे हैं, अनवर हुसैन अकेले पाकिस्तानी अहमदिया नागरिक नहीं हैं, जिन्होंने अपना देश छोड़कर हिंदू बहुल देश नेपाल जाने का फ़ैसला किया। क़रीब 188 पाकिस्तानी शरणार्थी काठमांडू में रह रहे हैं और इनमें से ज़्यादातर अहमदिया मुसलमान हैं, पाकिस्तान के कई अहमदिया मुसलमान तो काठमांडू में अवैध रूप से रह रहे हैं।
अब सवाल यह है कि, भारत नेपाल की 1751 किमी खुली सीमा, नेपाल में रह रहे इन अवैध पाकिस्तानी शर्णार्थियों से कितनी सुरक्षित है, नेपाल से आएं दिन भारत मे घुसपैठ करने की खबर और इन घुसपैठियों की गिरफ्तारी सीमा सुरक्षा बलों द्वारा किया जाता है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि, अन्य देशों की तुलना में पाकिस्तानी घुसपैठियों को चेहरे मोहरे और शारिरिक सहित बोलचाल में पहचान कर पाना बहुत ही मुश्किल होता है, इस लिए यह सीमा सुरक्षा बलों के लिए चुनौती पूर्ण रूप नजर आता है, वही बॉर्डर पर सक्रिय दलाल इनको किसी सुनसान स्थान से परागमन कराने में चूकते नही जो भारत के लिए बड़ी चिंता का विषय है।
श्रोत: बीबीसी न्यूज़, नेपाल
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