बार्डर पर चल रहा है बड़ा खेल: नौतनवा में अवैध गोदाम से करोड़ो रूपये का रक्त चंदन की लकड़ी बरामद
नौतनवा: कस्टम विभाग ने ढाई करोड़ की रक्त चंदन की लकड़ी की बरामद
भारत नेपाल: “बार्डर पर सुरक्षा एजेंसियों के कार्यशैली” पर उठ रहे सवाल
व्यूरो निचलौल महराजगंज:
त्रिपुरारी यादव
मुखबिर की सूचना के आधार पर दोपहर से ही कस्टम विभाग की टीम गोरखपुर सोनौली हाईवे पर चंदन की बरामदगी में जुट गई।जो शाम को अंतरराष्ट्रीय सीमा के सनौली कस्टम कार्यालय के पास से नेपाली ट्रक नम्बर न 3 ख 4532 से बुधवार की शाम 1.5 टन रक्त चंदन की लकड़ी बरामद की गई। सूचना पर बन्द बॉडी ट्रक के छत के हिस्से में बने कैबिटी को गैस कटर से काट कर अन्दर से लगभग डेढ़ टन रक्त चंदन की लकड़ी बरामद की गई।
फिल्मी अन्दाज में हो रहे इस तस्करी को, बिना किसी इनपुट के पकड़पाना शायद मुमकिन नहीं था। सतर्कता के बाद भी जांच के दौरान ट्रक का चालक भागने में कामयाब हो गया। बरामद ट्रक को जांच के लिए नौतनवा कस्टम कार्यालय लाया गया। जांच पड़ताल में जुटी टीम को सुराग लगा कि, ट्रक से बरामद लकड़ी नौतनवा के एक गोदाम से लोड की गई है।
वैसे सूत्रों की माने तो पकड़ी गई लाल चंदन की मात्रा ज्यादा ही थी जिसे मौके पर कम मिलना दिखाया गया है। फिर हाल जानकारी होने पर कस्टम डीसी के नेतृत्व में एक टीम गठित कर गोदाम पर छापेमारी की गई, नौतनवा बाईपास स्थित गोदाम पर छापेमारी के दौरान छुपा कर रखी गई 1 टन चन्दन की लकड़ी बरामद की गई। जिसे देख कस्टम विभाग के पैरों तले जमीन खिसक गई,सबसे अहम बात तो यह है कि कस्टम उपायुक्त कार्यालय के कुछ सौ मीटर दूर,एक अवैध गोदाम में रक्त चंदन की लकड़ी न जाने कबसे लोड और अनलोड हो रही थी जिसकी जानकारी सिमा पर लगे सुरक्षा एजेंसियों को नही लग पाई अब तो लोग सवाल उठा रहे कि कस्टम कार्यालय के बगल में रखी अवैध बस्तु जब नही पता कर पा रही तो क्या नेपाल रास्ते घुस रहे अवैध सामग्रियों या घुसपैठियों को कैसे जान पाएंगे।
फिर हाल नेपाली ट्रक और गोदाम से बरामद ढाई टन रक्त चंदन की लकड़ी की कीमत अंतरराष्ट्रीय मार्केट में ढाई करोड़ बताई जा रही है।डीसी कस्टम वैभव कुमार सिंह ने बताया कि सूचना के आधार पर दो अलग-अलग जगह से ढाई टन रक्त चंदन की लकड़ी बरामद की गई है,जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय मार्केट में ढाई करोड़ बताई जा रही है।यह लकड़ी कहां से आई और कहां जानी थी।इस मामले की गहनता से जांच पड़ताल की जा रही है।
इससे पहले बीते 29 अगस्त को भारतीय सीमा से सटे नेपाल के नवलपरासी जिले में करीब डेढ़ क्विंटल लाल चंदन की बरामदगी हुई थी नवलपरासी जिले के प्रहरी डीएसपी रेशम बोहरा ने बताया कि लाल चंदन को भारत की ठूठीबारी सीमा के रास्ते नेपाल के रामग्राम पहुंचाया गया था। इसे चीन भेजे जाने की योजना थी। इससे पूर्व भी 75 क्विंटल लाल चंदन बरामद किया गया था। विभिन्न स्थानों से बरामद करीब 300 टन लाल चंदन को नेपाल वन विभाग ने अपनी निगरानी में रखा है। विभागीय प्रक्रिया पूरी होने के बाद भारत को सौंपा जाना है। वर्ष 2008 में बसुली जंगल के समीप बरामद हुआ था 10 टन लाल चंदन महराजगंज के बसुली जंगल के समीप वर्ष 2008 में वन कर्मियों ने ट्रक से ले जाई जा रही 10 टन लाल चंदन की लकड़ी बरामद की थी। तस्कर इसे नेपाल के रास्ते चीन भेजने की फिराक में थे। बरामद चंदन को निचलौल व उत्तरी चौक रेंज परिसर में रखा गया था। जिस ट्रक से लकड़ी बरामद हुई थी, उसे बाद में जुर्माना लगा कर छोड़ दिया गया था। मौका पाकर तस्कर भी घटना स्थल से फरार हो गए। सामान के बीच छिपाकर लाते हैं लाल चंदन नेपाल में लाल चंदन संग गिरफ्तार तस्कर ने उस समय पुलिसिया पूछताछ में बताया था कि तस्कर आंध प्रदेश से लकड़ी को ट्रकों में दूसरे सामानों के बीच छिपाकर लाते हैं। भारत से नेपाल भेजे जाने वाले चिकित्सकीय उपकरणों व विभिन्न वाहनों के कल पुर्जों के बीच में रखकर इसे नेपाल पहुंचाया जाता है। सोनौली व ठूठीबारी सीमा पर वाहन स्कैनिंग उपकरण न होने से यह पकड़ में नहीं आते। नेपाल पहुंचने पर उसे किसी स्थान पर डंप कर दिया जाता है।
इसके बाद नेपाली गाड़ियों से नारायण घाट, मुग्लिंग, गोर्खा जिले के तात्तोपानी बार्डर होते हुए तिब्बत के रास्ते चीन पहुंचा दिया जाता है। पहले विभिन्न स्थानों पर वन उत्पादों की जांच के लिए विभाग ने बैरियर भी बनाए थे, लेकिन अब इसके सक्रिय न होने से तस्करों को आसानी हो गई है। चीन में 30-35 हजार रुपये किलो है लाल चंदन की कीमत
अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आइयूसीएन) की लुप्तप्राय सूची में शामिल है। यह आंध्र प्रदेश में पाया जाता है। यहां की शेषाचलम पहाड़ियों पर मिलने वाले लाल चंदन के पेड़ 11 मीटर तक लंबे होते हैं। तमिलनाडु सीमा से सटे चित्तूर, कड़प्पा, नेल्लार व कुरनूल जिलों में यह पेड़ पाए जाते हैं। बताया जाता है कि भारतीय बाजार में लाल चंदन 10 -15 हजार रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकता है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 30-35 हजार रुपये प्रति किलो है।
बरामदगी के संबंध में डिप्टी कमिश्नर कस्टम वैभव कुमार सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि मुखबिर से मिले इनपुट के आधार पर कस्टम विभाग की टीम ने एक नेपाली नंबर की कंटेनर को नेपाल प्रवेश करने के पहले ही बार्डर पर रोक लिया। उसे वापस लाकर जब उसकी तलाशी ली गई तो कंटेनर में बनी कैविटी से डेढ़ टन और उसी से संबंधित एक गोदाम से एक टन लाल चंदन की बरामदगी की गई है। दोनों को मिलाकर ढाई टन लाल चंदन की लकड़ी बरामद किया गया है। इस सिलसिले में लाल चंदन की तस्करी से संबंधित एक गोदाम को भी सील किया गया है।
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