नेपाल में कैसिनो नेटवर्क का खुला पोल: हॉन्गकॉन्ग के निवेश से उठा पर्दा
सोनौली बॉर्डर स्पेशल रिपोर्ट: शिवम पांडेय/सुनील कुमार
भारत नेपाल बॉर्डर से सोनौली से महज 19 किमी की दूर नेपाल के तिलोत्तमा नगर पालिका में तराई का पहला कैसिनो खोला गया, जिसका नाम दिया गया टाइगर पैलेस, पूर्वरत तो इसे रिसॉर्ट के रूप में व्यवस्थित किया गया मगर जब विस्तार हुआ तो यह दक्षिण एशिया के सबसे बड़े कैसिनो के रूप में पूरे विश्व में प्रख्यात हो गया।
तिलोत्तमा नगर पालिका क्षेत्र के 19 किमी दूर टाइगर पैलेस कैसिनो की कामयाबी और नेपाल में भारतीय मुद्रा को डम्प करने की षणयंत्र में चीनी कैसिनो एजेंसी ने भारत से इसकी दूरी कम करते हुवे 4 किमी में ही दर्जनों कैसिनो का निर्माण कर दिया।
कैसीनों की रंगीनियों में पूर्वांचल ही नहीं देश के अन्य हिस्सों के मध्यमवर्गीय परिवारों के युवाओं की जिंदगियां बर्बाद होती रही और भारी भरकम भारतीय मुद्रा नेपाल में डम्प होता रहा हैं। तास के पत्तों, कैसीनों की चकरधिन्नी से लेकर अर्धनग्न बालाओं के ठुमको पर भारतीय रोज लाखों रुपये लुटा रहे हैं। पूर्वांचल के हजारों युवा रंगीनियों के पीछे की काली दुनिया में फंसकर अपनी जिंदगी और पैसा बर्बाद कर चुके हैं। कैसीनों में विधायक से लेकर उद्योगपतियों की मौजूदगी के बीच बर्बाद हो रहे लेकिन समाज में खुद को पवित्र बताये रखने के चलते सभी चुप्पी साधे हुए हैं।
नेपाल में सैलानियों एवं जुवा शौकीन लोगो को आकर्षित करने के लिए सीमावर्ती नेपाल के तिलोत्तमा नगर पालिका क्षेत्र में 18 मार्च 2018 को दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा कैसीनों खुला था। महज छह महीने में सैलानियों का यहां आना जाना काफी बढ़ गया है। यहां गोरखपुर, लखनऊ के बड़े घरों के युवा ही नहीं बल्कि पंजाब और दिल्ली से भी मौज मस्ती करने वालों की फौज पहुंच रही है। दर्जनों की संख्या में मकड़जाल की तरह फैले कैसिनो में विदेशियों की पहुंच भी बढ़ गई है।
हांगकांग के सिल्वर हेरिटेज ग्रुप ने कैसीनो को तैयार करने में 520 करोड़ रुपये की भारी भरकम रकम खर्च की है। 400 रुम वाले कैसीनो में मस्ती का सूरज कभी भी अस्त नहीं होता है। कैसीनो खेलने के लिए 216 इलेक्ट्रानिक गेमिंग मशीन लगाई गई हैं। कैसीनो में शुरूआती दिनों में महराजगंज और गोरखपुर के ही युवा और कारोबारी पहुंचते थे, लेकिन अब इसकी धमक पंजाब, लुधियाना से लेकर दिल्ली तक पहुंच गई है। शुरूआती दिनों में महराजगंज जिले के एक भाजपा विधायक की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद खूब हंगामा हुआ था।
जेब देखकर कैसिनो एजेंट देते है सुविधाएं
हाईफाई कैसीनो के संचालक आने वालों की जेब की साइज देखकर उन्हें सुविधाएं मुहैया कराते हैं। 10 से 15 लाख तक का दांव लगाने वालों को उनके शहर से कैसीनो तक लाने का खर्चा उठाया जाता है। इतना ही नहीं पूरी रकम हारने की स्थिति में कुल बजट का 5 फीसदी लौटाकर घर भी छोड़ दिया जाता है। ग्रुप में आने वालों के लिए भी कई तरह के ऑफर हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियों के समिट भी यहां आयोजित होने लगे हैं। गोरखपुर और आसपास से युवा व्यापारियों की संख्या को देखते हुए सप्ताह में एक दिन गोरखपुर से टाइगर कैसीनो तक एक एसी बस चलाई जा रही है। कैसीनो में सिर्फ भारतीय और विदेशी नागरिकों को ही प्रवेश मिलता है। 20 से 25 हजार तक की रकम हारने पर तो लोगों के चेहरे पर कोई शिकन नहीं आती है।
कैसीनो के अंदर प्रवेश के लिए आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, डीएल और पासपोर्ट में से दो दस्तावेजों की जरूरत होती है। फ्री के मेंबरशिप में 1000 रुपये से कार्ड को रिजार्च कराने के बाद ही लड़कियां स्नैक्स और विदेशी शराब परोसने लगती हैं। शराब, स्नैक्स और डीनर के एवज में कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। मस्ती के साथ दिन की शुरुआत होती है और जैसे-जैसे रात गहराती है वैसे-वैसे रंगीनियां अपने शबाब पर पहुंचने लगती हैं।
इस तरह प्रतिदिन कुल 75 लाख रुपये कैसीनो संचालकों के खाते में जा रहे हैं। कैसीनो की आड़ में हवाला कारोबार, भारतीय पुराने नोटों के बदले जाने व देह व्यापार के भी कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं जिसमें नौतनवा, सोनौली, बस्ती, गोरखपुर व लखनऊ तक के लोग पकड़े जा चुके हैं। बीते दिनों भैरहवा के एक कैसीनो से उज्बेकिस्तान की तीन युवतियों को पकड़ा गया है। इससे कैसीनो में संचालित हो रहे देह व्यापार में विदेशी घुसपैठ की आशंकाओं को बल मिला।
सिल्वर हेरिटेज ग्रुप के सह-संस्थापक और वरिष्ठ सलाहकार टिम शेफर्ड ने कहा:
"टाइगर पैलेस रिज़ॉर्ट नेपाल के भैरहवा में हमारा पहला पूर्ण स्वामित्व वाला और संचालित पांच सितारा एकीकृत रिज़ॉर्ट है। यह रिज़ॉर्ट सिल्वर हेरिटेज ग्रुप की मुख्य विकास रणनीति का एक प्रमुख हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत-नेपाल सीमा पर कैसीनो रिज़ॉर्ट विकसित करना और एक संपूर्ण मनोरंजन स्थल के लिए भारतीय ग्राहकों की मजबूत मांग का लाभ उठाना है। रिज़ॉर्ट के लिए तत्काल लक्षित 15 मिलियन से अधिक महत्वाकांक्षी मध्यम वर्ग के भारतीय नागरिक शामिल हैं, जो रिज़ॉर्ट से छह घंटे की दूरी के अंदर रहते हैं, जो दिल्ली , उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से हैं।"
गोरखपुर के एक व्यापारी दलील देते हैं कि पांच दोस्तों के साथ गया था। 35 हजार खर्च हुए। एक व्यक्ति पर सात हजार खर्च हुआ। इतनी मस्ती के लिए रकम कहां अधिक है। कैसीनो के अंदर पहुंचने के बाद शायद ही कोई अपनी जेब में कुछ बचाकर निकलने की स्थिति में होता है। कैसीनो के सेल्स हेड प्रभाकर की दलील है कि कैसीनो में नेपाली नागरिकों का प्रवेश वर्जित है, लेकिन यहां 2000 से अधिक नेपाली युवक-युवतियों को रोजगार मिला है। इसमें जिम क्लब, कैसीनो, चिल्ड्रेन पार्क, स्वीमिंग पुल की सुविधाएं सैलानियों के लिए मुहैया कराई गई हैं। कैसीनो की शाखाएं वियतनाम, लाओस, फिलीपींस, कंबोडिया आदि में भी फैली हुई हैं। सेल्स हेड का कहना है कि सैलानियों की सुविधा के लिए इंडियन बार्डर सोनौली, लुंबिनी, बुटवल से बस की सुविधा भी मुहैया कराई जा रही है। मेंबरशिप कार्यक्रम के तहत कैसिनो और होटल में छूट भी दी जा रही है।
मनी एक्सचेंज की आड़ में मनीलांड्रिंग का खेल जारी
कहने के लिए नेपाल के अंदर 25 हजार से अधिक भारतीय मुद्रा लेकर नहीं जा सकते हैं, लेकिन कैसीनो के अंदर दलालों की मिलीभगत से रोज लाखों रुपये का लेनदेन होता है।
कैसीनो के अंदर प्रवेश के साथ ही मनी एक्सचेंज करने वाले दलाल मिल जाते हैं। हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक की रकम वह चंद मिनटों में एक्सचेंज कर देते हैं। एक्सचेंज के एवज में वह 4 फीसदी कमीशन भी वसूल लेते हैं। कैसीनो के काउंटर पर सिर्फ नेपाली करेंसी में ही जुआ खेलने के लिए क्वाइन वगैरह मिलती है। नेपाल में आम व्यापारी 2000 के नये नोट को लेने से मना कर देते हैं, लेकिन कैसीनो में धड़ल्ले से इसका लेनदेन होता है।
एयर कनेक्टीविटी से गुलजार हो रहा कैसीनो
गोरखपुर से लेकर भैरहवां तक हवाई सेवा की सुविधाओं के बीच कैसीनो की उड़ान जारी है। भैरहवां में काठमांडू के बाद दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट विकसित हो रहा है। गोरखपुर से दिल्ली के लिए एयर इंडिया, इंडिगो और स्पाइस जेट की विमान सेवा शुरू होने से दिल्ली और पंजाब से आने वाले सैलानियों को काफी सहूलियत हुई है। टाइगर कैसीनो में मस्ती के लिए आने वाले सैलानियों को गोरखपुर एयरपोर्ट के बाहर ही लक्जरी गाड़ी मुहैया करा दी जाती है ताकि वे आसानी से कैसीनो तक पहुंच सकें। कैसीनो में आने वाले लोगों की सहूलियत के लिए प्रबंधन द्वारा भारतीय सीमा में सोनौली में पार्किंग की सुविधा भी देने की तैयारी है ताकि अपनी गाडिय़ों से पहुंचने वाले भारतीय पार्किंग में गाड़ी खड़ी कर कैसीनो की गाड़ी से आराम से नेपाल के अंदर प्रवेश कर सकें।
रोजाना पहुच रहे हजारो भारतीय
नेपाल के भैरहवा व काठमांडू में कुल मिलाकर 8-10 स्थानों पर कैसीनो हैं। लेकिन सीमावर्ती भैरहवा में कैसीनो के खुलने से मध्यवर्गीय लोगों की पहुंच बढ़ गई है। इनमें विदेशियों के साथ भारतीय नागरिकों के ही प्रवेश की अनुमति है। मध्यमवर्गीय परिवार से लेकर संपन्न परिवार के लोग, कई सफेदपोश व उद्योगपतियों के घराने के लोगों का कैसीनो में जाना बढ़ गया है। नेपाल की एक संस्था सर्वे के अनुसार नेपाल के कैसीनो में प्रतिदिन औसतन कुल 7500 भारतीय जाते हैं। प्रति व्यक्ति औसतन करीब 10 हजार रुपया गंवा कर आता है।
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