सुविधाओ से वंचित है विदेशी पर्यटक: ट्रेड बदलने को मजबूर
जांच के लिए बसो से उतारा जाता है विदेशी पर्यटकों को
सोनौली महराजगंज।
भारत में पर्यटन आय और रोजगार सृजन, गरीबी उन्मूलन और सतत मानव विकास के साधन के रूप में उभरा है। यह राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में 6.23% और भारत में कुल रोजगार में 8.78% योगदान देता है। उस के बाद भी भारत नेपाल की सोनौली सींमा पर जाम में पैदल चलने को मज़बूर और शौचालय की कमी के कारण यहाँ से विदेशी पर्यटक नकारात्मक छवी भारत की ले जाते है, वही भारतीय प्रधानमंत्री की स्वच्छ भारत अभियान और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने की स्कीम सब फ़ैल हो जाती है।
सींमा पर रोजाना करीब 150 देशो के सैकड़ो पर्यटक आते है, इम्रिगेशन पर जांच की वजह से जाम के कारण हजारों कदम पैदल चलने पर मजबूर, फिर इंडिया गेट पर एस एसबी की चेकिंग के दैरान वाहन से उतरना और सामानों को चेक कराना जिस के कारण कस्बे में ही कई घंटे खराब हो जाते है, वही कस्बे के मैन रोड पर शौचायल ना होने के कारण इन पर्यटको की मुशीबत दुगनी हो जाती है।
विदेशी पर्यटकों के गाइड अभिषेक सिंह, मनोज और संतोष पाठक ने कहा अगर एक विंडो पर सभी सुरक्षा एजेंसियां चेक कर ले तो घंटो पर्यटको का समय बच सकता है। सोनौली में अलग अलग सुरक्षा एजेंसियों की जांच के कारण ट्रेड बदलने को मजबूर हो गए है।
ट्रावेल्स संचालकों रिंकू सिंह, किशोर, राजू ने बताया कस्बे में जाम के कारण पर्यटको को पैदल चलना होता है, सड़क पार मे अक्सर दुर्घटना के चांस ज्यादा होता है।
960 थाई बौद्ध बिहार के मैनेजर राजेश शुक्ला ने कहा उनके बौद्ध बिहार के मुख्य द्वार पर हमेशा मालवाहक वाहनों का जमावड़ा होता है, जिस के कारण पर्यटको के वाहन दूसरी तरफ रोड पर खड़े रहने को मजबूर होते है, सड़क पैदल पार करने के दौरान कभी बड़ा हादसा हो सकता है, प्रशासन को विदेशी पर्यटकों के आवागमन स्थलों से जाम को हटाने के लिए प्रयत्न करना चाहिए।
बताया जा रहा है पिछले महीने भारत मे थाईलैंड की राजदूत पत्रराता होंग थोंग ने सींमा का निरीक्षण किया था और यहाँ के पर्यटको पर होने वाली परेशानियों को भारत के विदेश मंत्रायल से शिकायत की थी।



















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