रानीगाऊ मेडिकल कॉलेज के छात्रों में भैरहवा के सड़को पर हल्लाबोल विरोध जताया - प्रथम 24 न्यूज़

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रानीगाऊ मेडिकल कॉलेज के छात्रों में भैरहवा के सड़को पर हल्लाबोल विरोध जताया


भैरहवा सिद्धार्थ नगर रूपनदेही नेपाल।

यूनिवर्सल कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस मेडिकल कालेज भैरहवा के छात्रों का 23 दिनों से भूख हड़ताल जारी है। जिसके कारण छात्रों की पढ़ाई के साथ स्वास्थ सेवाएं बाधित है। सोमवार को अपनी मांगों को लेकर छात्रों ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए भैरहवा के सड़को पर एक विरोध जुलूस निकाला।


भैरहवा में यूनिवर्सल कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्रशासन ने आंदोलनकारी छात्रों से सभी विरोध कार्यक्रम वापस लेने और अपनी शैक्षणिक दिनचर्या में लौटने का अनुरोध किया था। लेकिन छात्र प्राचार्य के इस्तीफे की मांग सहित सभी मांगो को पूरा करने के साथ ही हड़ताल समाप्त करने की बात पर अड़े हुवे है। 24 दिनों से छात्रों का भूख हड़ताल जारी है। जिसमे छात्रों ने भैरहवा नगर में एक विरोध रैली निकाली और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुनः कालेज पहुचे और हड़ताल पर बैठ गए। इस कॉलेज मे सैकड़ो भारतीय स्टूडेंट भी पढ़ाई करते है।

उक्त कॉलेज के एमबीबीएस, बीडीएस और पीजी स्तर के छात्र कॉलेज की प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मी पाठक के इस्तीफे समेत सात सूत्री मांगों को लेकर पिछले 23 दिन से धरना दे रहे हैं। हालांकि कॉलेज प्रशासन और आंदोलनकारी छात्र समूह के बीच कई बार बातचीत हो चुकी है, लेकिन आंदोलनकारी छात्र इस बात पर अड़े रहे हैं कि जब तक कॉलेज के प्रिंसिपल पाठक इस्तीफा नहीं देते या उन्हें कहीं और स्थानांतरित नहीं किया जाता, तब तक कोई भी बातचीत स्वीकार नहीं की जाएगी, जिससे बातचीत बेनतीजा रही है। कॉलेज प्रशासन ने छात्रों की पहली मांग को खारिज कर दिया है कि कॉलेज के प्रिंसिपल पाठक को इस्तीफा दे देना चाहिए या उन्हें कहीं और स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए। कॉलेज प्राचार्य की नियुक्ति विश्वविद्यालय, चिकित्सा शिक्षा आयोग और चिकित्सा परिषद के नियमों और विनियमों के तहत करता है, इसलिए व्यक्तियों में कोई बदलाव नहीं होगा।


मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय कुमार पीएस ने बताया कि प्राचार्य के इस्तीफे के अलावा छात्रों की अन्य मांगों को लेकर भी कॉलेज प्रशासन लचीला रुख अपना रहा है।कॉलेज प्रशासन जिस नए ड्रेस कोड को लागू करने की कोशिश कर रहा है, उसे लागू नहीं करने, इंटर्नशिप शुल्क बढ़ाने, अंतिम वर्ष की नियमित कक्षाएं जल्द से जल्द संचालित करने और विरोध अवधि के दौरान छूटी हुई कक्षाओं को प्रावधानों के अनुसार संचालित करने पर सहमति बनी है।

प्रदर्शनकारी छात्र समूह ने कॉलेज प्रशासन के अनुरोध को खारिज कर दिया है। छात्रों कहना है कि हमारी पहली मांग प्रिंसिपल का इस्तीफा या ट्रांसफर है। ''मांग पूरी होने तक कोई भी बातचीत स्वीकार्य नहीं है।

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