विशेष कवरेज-नगर निकाय चुनाव: “दिग्गजों का दाॅव किसे मिलेगा भाव”
प्रथम 24 न्यूज़ डेक्स।
सोनौली महराजगंज
नौतनवाॅ के चिर-प्रतिद्वंदी सियासी खेमों से शुरुआत करें या सत्तारुढ़ दल के माननीय से सभी के अपने तरकस हैं जो लैस हैं खुद के तीरों से सियासत में सफर के इनका अंत कहाँ है खुदा जाने, बहरहाल चुनावी मौसम है और आज खुदा वही जनता है, जिसे सियासतदाॅ जनार्दन कहते हैं।
इससे पहले कि चुनावी बतकही की शुरुआत करें यहाँ यह जान लेना आवश्यक है कि, दशकों से दो दिग्गज सियासी धड़ो में बटे हुए नौतनवा की सरजमीं ने संपन्न हो चुके विधानसभा चुनावों में परिवर्तन का जो गुल खिलाया आज वैसा ही बिगुल पुनः जनमानस के जेहन में हिचकोले लेता नजर आ रहा है।
पंचायती, प्रमुखी से लगायत विधायकी तक नौतनवा में काबिज होते चले जा रहे सत्तारूढ दल ने निकाय-चुनावों में नौतनवा व सोनौली में पार्टी का परचम बुलंद करने की रणनीति को धार देना शुरू कर दिया है।
चूंकि दलीय टिकटों की घोषणा होनी अभी शेष है। ऐसे में यहाँ के चर्चित सियासी खेमें वाच एंड वेट की मुद्रा अख्तियार कर सत्तारूढ दल के जिताऊ समीकरण के मंसूबो पर पानी फेरने की कवायद में लगे हुए हैं।
फिलहाल जनमानस वर्तमान विधायक सहित उक्त खेमों के बीच निकाय-चुनाव के आगाज से ही लड़ाई त्रिकोणीय मान रही है। ऐसे में उक्त खेमें खुद के अस्तित्व पर विगत चुनावों से खड़े हो रहे सवालिया निशान पर पूर्ण विराम लगा सकेंगे या फिर सत्तारूढ दल नौतनवाॅ में दशकों से स्थापित खेमों के तिलिस्म को तोड़ रामराज्य के नये दौर में नौतनवाॅ में एक और अध्याय का श्रीगणेश करेगी फैसला अभी जनता की अदालत में सुरक्षित है।
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