खाद तस्करों पर जिम्मेदार मेहरबान, किसान हलकान, कौन करेगा न्याय, जब साहबों का हो संरक्षण...कृष्णा नन्द मौर्या
प्रथम मीडिया नेटवर्क टीम।
नौतनवा महराजगंज।
किसानों को छलने में खाद विक्रेता कोई कसर नही छोड़ रहे, वही किसानों द्वारा दिये गए शिकायती पत्र महज दिखावा बन कर रह गया है। जबकि मौजूदा सरकार ने किसानों के लिए कई योजनाएं शुरू किया है, अब सवाल यह उतपन्न हो रहा है कि किसानों को लागत मूल्य पर कब खाद उपलब्ध होगा।
मिले खबर के मुताबिक, ग्राम चौतरवा पोस्ट चड़लहा, तहसील नौतनवा निवासी एक किसान जब करमहवा स्थित "यादव खाद भंडार" के पास खाद लेने पहुचे तो खाद विक्रेता ने उचित दर से अधिक मूल्य लिया, जब किसान रसीद मांगने लगा तो खाद विक्रेता मनोज यादव आग बबूला होते हुवे सीधे शब्दों में कहा कि रसीद नही मिलता, किसान ने जब उचित मूल्य से अधिक वसूली की बात की तो दुकानदार ने कहा कि साहब लोगो को भी खुश करना पड़ता है, इसमें साहबों का भी हिस्सा होता है, जिसके बाद काफी बहस होने के बावजूद खाद विक्रेता ने उचित मूल्य पर खाद नही दिया।
वही किसानों से उचित मूल्य से अधिक वसूली को लेकर व खाद माफियाओं पर अंकुश लगाने हेतु कृष्णा नन्द मौर्य ने नौतनवा थाने पर शिकायती पत्र देकर खाद के काला बाजारी करने वालो पर कार्यवाही करने की गुहार लगाई, मगर कोई सुनवाई नही हुई। थाने से कोई कार्यवाही ना होने से क्षुब्ध किसान ने नौतनवा क्षेत्राधिकारी को शिकायती पत्र दिया, वहां से भी कोई प्रतिक्रिया नही होने के बाद किसान ने उपजिलाधिकारी नौतनवा को ज्ञापन दिया, मगर नतीजा सिफर रहा।
अब सवाल यह उठता है कि, किसानों की चिंता करने वाली सरकार की योजनाओं को लूटने में आखिर कौन जिम्मेदार है, खाद के कालाबाज़ारी गिरोह पर आखिर प्रशासन अंकुश क्यो नही लगा रहा है। आखिर खाद कालाबाज़ारी गैंग के आगे प्रशासन नतमस्तक क्यो है। किसान के शिकायती पत्र की माने तो आखिर कौन है जिसे खाद कालाबाज़ारी गैंग को संरक्षण दे रहा है।
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