सीएम सिटी गोरखपुर में 29 लोग अचानक हुए अरबपति: पुलिस की राडार पर धनकुबेर - प्रथम 24 न्यूज़

Header Ads

सीएम सिटी गोरखपुर में 29 लोग अचानक हुए अरबपति: पुलिस की राडार पर धनकुबेर




✍️ नेपाल बार्डर पर बढ़े 275 मदरसे भी बने परेशानी का सबब


गोरखपुर/सोनौली
गोरखपुर पुलिस इन दिनों 29 अरबपतियों को लेकर हैरान है। पुलिस की इंटेलिजेंस एजेंसियों ने जांच की तो पता चला कि ये सभी अरबपति महज 2-3 साल में ही अकूत संपत्ति के मालिक हुए हैं। एडीजी जोन ऑफिस की एक टीमें जानना चाहती हैं कि इनकी इनकम का सोर्स क्या है? कहीं ये रईस अपराध में लिप्त होकर अनैतिक कार्य तो नहीं कर रहे हैं? जांच में यह भी सामने आया है कि नेपाल से सटे जिलों में पिछले कुछ सालों में मदरसों की संख्या तेजी से इजाफा हुआ है।

पुलिस को कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां हाथ लगी हैं कि इन मदरसों को विदेशों से फंडिंग हो रही है। अब आगे इस बात का पता लगाया जा रहा है कि कहीं कहीं ये रईस अपराध में लिप्त होकर अनैतिक कार्य तो नहीं कर रहे हैं? मदरसों से जुड़े तो नहीं हैं? सूत्रों की मानें तो विधानसभा चुनाव के पहले जल्द ही पुलिस कुछ नए रईसों और मदरसों के संचालकों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है।

✒️ पहले 150 नए रईसों को किया गया था चिह्नित


 दरअसल, जोन के 11 जिलों में से 6 जिले महराजगंज, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, बहराइच, बलरामपुर और श्रावस्ती नेपाल से सटे हैं। पहले चरण में जो सूची आई थी, उसमें 150 नए रईस शामिल थे। फिर उनकी गोपनीय तरीके से जांच कराई गई, तो उसमें से 29 रईस संदिग्ध मिले। पुलिस को इनकी इनकम का सोर्स नहीं मिला। अब इनकी लगातार मॉनिटरिंग कराई जा रही है। ये सभी ऐसे लोग हैं ​जो​ पिछले 2 से 3 साल में ही रईस हुए हैं। वहीं, अगर मदरसों की बात करें तो इन 6 जिलों में पिछले कुछ सालों में 275 नए मदरसे खुल गए हैं। हालांकि इन मदरसों में उतने बच्चे भी नहीं हैं। पुलिस इस बात की जानकारी जुटा रही है कि इनके पास फंडिंग कहां से आती है? ये किसी आपराधिक गतिविधि या देश विरोधी कार्यों में ​तो​ लिप्त नहीं हैं?

✒️ मदरसों को बाहर से हो रही फंडिंग


पुलिस सूत्रों के अनुसार सिद्धार्थनगर, बहराइच, श्रावस्ती जिले के कुछ मदरसों को बाहर से फंडिंग आने की भी जानकारी हुई है। इनमें वाराणसी का एक व्यक्ति फंडिंग करता है। साथ ही दिल्ली, मुंबई आदि जगहों से भी रकम आ रही है। कुछ मदरसों में विदेशों से भी फंडिंग होने की बात सामने आ रही है।

✒️ गोरखपुर के हिस्ट्रीशीटर और NGO संचालक पर भी नजर


सूत्रों की मानें, तो गोरखनाथ इलाके में रहने वाले एक हिस्ट्रीशीटर और कई NGO संचालक पर भी नजर रखी जा रही है। शहर में ऐसे कई सफेदपोश सामने आए हैं, जो कुछ साल पहले तक सामान्य जिंदगी जी रहे थे। कुछ साल में उनके पास अचानक इतनी दौलत आ गई कि रोजाना लाखों रुपए बांट रहे हैं। कई तो चुनाव में भी किस्मत आजमा रहे हैं।
इसी तरह गुलरिहा इलाके का रहने वाला एक नेता भी रडार पर है। इसकी संपत्ति भी अचानक बढ़ी है। एक पार्टी से पहले यह पिपराइच फिर डुमरियागंज से चुनाव भी लड़ चुका है। यह बकायदा बाउंसर और वॉकी-टाकी लेकर भी चलता है।

👁️ बार्डर के जिलों में लगेंगे CCTV


विधानसभा चुनाव को सकुशल संपन्न कराने के लिए प्रशासन काफी सतर्क है। नेपाल से होने वाली तस्करी, आतंकवादी और ​देश विरोधी गतिविधि में शामिल लोगों पर नजर राखी जा रही है। इसके लिए नेपाल से सटे महराजगंज, श्रावस्ती, कुशीनगर, बहराइच, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, लखीमपुर खीरी आदि जनपदों में CCTV कैमरे लगाने की तैयारी है। इसके लिए 40 से 45 स्थानों को चिह्नित किया गया है। वहीं संदिग्ध मदरसों और तस्करी के रास्तों के आसपास भी कैमरे लगेंगे।

✒️ ADG जोन हैं नोडल अधिकारी


उत्तर प्रदेश के जो भी जनपद नेपाल बार्डर से हैं, उसकी निगरानी के लिए नोडल अधिकारी एडीजी जोन गोरखपुर को बनाया गया है। वे गोरखपुर के साथ ही लखनऊ जोन के लखीमपुर खीरी और बरेली जोन का एक जनपद, जो नेपाल से सटा है, उसकी निगरानी कर रहे हैं। एडीजी जोन के नेतृत्व में लगातार खुफिया विभाग, LIU, इनकम टैक्स, एटीएस टीम जांच में जुटी हैं।

👁️ कई विभागों को जोड़कर की जा रही निगरानी


एडीजी जोन अखिल कुमार ने कहा कि अवैध गतिविधियों में लिप्त अचानक रईस बने लोगों और अचानक बढ़े मदरसों को चिह्नित कर निगरानी कराई जा रही है। इसमें कई विभागों को एक साथ जोड़कर अलग-अलग बिंदुओं पर जांच चल रही है। बार्डर इलाके में निगरानी कराई जा रही है। साथ ही CCTV कैमरे भी लगवाए जाएंगे। चुनाव को हर हाल में सकुशल संपन्न कराया जाएगा। अवैध गतिविधि में लिप्त किसी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

कोई टिप्पणी नहीं

इस पोस्ट से सम्बंधित अपने विचारों से हमे अवगत जरूर कराए

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.