आखिर किसकी नजर लग गई सोनौली को-}―vol-3.....जाने इस विशेष रिपोर्ट में:
प्रथम 24 न्यूज़ डेक्स
सोनौली महराजगंज
आज पूरा भारत सातों दिन व्यापार कर रहा है तो वही एक कस्बा आज भी लॉक डाउन वाले पीरियड से गुजर रहा है, जी हां आप सही सुन रहे है। यहां पिछले 19 महीनों से 97 प्रतिशत दुकान बंद है या फिर साफसफाई के लिए खोले जाते है, क्योकि यहां ग्राहक है ही नही कोई।
नगर की राजनीति में विकास की गंगा बह रही है मगर नगर के व्यापारियों की दशा क्या है इससे किसी को कोई सरोकार नही। बॉर्डर सील, आवागमन में भारी कठिनाई, व्यापार पूरी तरह ठप, मगर विजली का मीटर बिल चालू है, टैक्स का मीटर चालू है, व्याज का मीटर चालू है, मगर एक व्यापारी कैसे अदा करे इन सबको जब उसका शटर ही डाउन है।
पूर्व विदित हो कि भारत नेपाल के अंतिम छोर पर बसा हुआ एक छोटा कस्बा नगर पंचायत सोनौली है, मगर यहां का कारोबार पूरे जनपद का आर्थिक नगर नगर है, मगर इस कस्बे 19 माह पहले ही नजर लग चुकी है जो अब तक जारी है, कारोबार आज भी 19 माह से यहां के लोगो का जीविका पर कोरोना का कहर जो पड़ा वह आज भी बदस्तूर जारी है।
जी हां आज हम उस शहर का आईना आपको दिखा रहे है, जिसका नाम पूरे विश्व मे प्रख्यात है, उत्तर प्रदेश की महराजगंज जनपद का सबसे पिछड़ा नगर सोनौली का। ऐसा नही की यहाँ कोई बड़ी मीडिया नही, यहां एक से बढ़ कर एक धुरन्धर मीडिया सिर्फ कहने को है, मगर यहां के विकास से यहां के व्यापारियों से इनको कोई वास्ता नही, नाली हो या कच्ची सड़क यह मुद्दा नही। राशन हेराफेरी हो या राशनकार्ड हेराफेरी, यह भी मुद्दा नही, देश मे दोहरी नागरिकता का भी मुद्दा से इनको कोई सरोकार नही, बस विज्ञापन दो खबर चलवाओ, साल भर सिर्फ वही दिखाएंगे जो विज्ञापन प्रदाताओं द्वारा दिखाने के लिए बोला जाएगा, हालांकि आज इस रिकॉर्ड को तोड़ते हुवे एक न्यूज पेपर ने नगर की दशा दिशा पर थोड़ा प्रकाश डाला है मगर कब तक यह चलेगा पता नही।
क्योकि यहां सच लिखने के कलम को तोड़ने वाले पहले से तैयार बैठे है, सच बोलने वाले आवाज़ की दबाने के लिए तैयारी बनाये हुवे है, विकास के आईना को दिखाने वालो के लिए शेल्फ़ी गैंग तैनात है।
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