फोरलेन पर मुआवजे न मिलने की स्थिति में ग्रामीण बैठे 3 महीने से धरने पर
मऊ से राजीव शर्मा के साथ धर्मेंद्र कुमार की संयुक्त रिपोर्ट
मऊ :- मऊ जनपद के कोपागंज ब्लाक के अंतर्गत काचिकुला ग्राम सभा के अंतर्गत बन रहे फोरलेन पर तकरीबन 3 महीने से कुछ ग्रामीण धरने पर बैठे हैं । जिसमें जितेंद्र राय का कहना है , कि पीडब्ल्यूडी विभाग ने हम लोगों के साथ जातीय किया है ,अभी तक हम लोगों के खेतों का मुआवजा नहीं मिला है और हम लोगों के खेतों में फोरलेन के निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है। मुवाईजा न मिलने की स्थिति में हम लोग 3 महीने से धरने पर बैठे हैं इसमें हिमांशु राय का कहना है , कि हम लोग 3 महीने से धरने पर बैठे हैं अपना रोजी रोजगार छोड़कर लेकिन प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा है । जबकि हम लोग जिलाधिकारी महोदय को अपना ज्ञापन सौंपा वहीं पोर्टल के माध्यम से मंत्री नितिन गडकरी जी को और सुबे के मुखिया माननीय आदित्यनाथ योगी मुख्यमंत्री जी को भी पोर्टल के माध्यम से अपना ज्ञापन सौंपा है, लेकिन 3 महीने बीत गए और अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई । जिसकी वजह से हम लोग धरने पर बैठने के लिए बाध्य है , और यह धरना तक चलेगा जब तक हम लोगों को मुआवजा नहीं मिलेगा वही अमित विश्वकर्मा का कहना है कि अगर हम लोगों को मुआवजा नहीं मिलता है, तो हम लोग अगल-बगल के भी किसी भी स्थिति में रोड का निर्माण नहीं करने देंगे वही अभिषेक राय का कहना है कि हम लोग जय प्रताप जी एनएचआई के अधिकारी व कलीम बाबू एनएचआई के बाबू से कई बार जाकर मिले लेकिन उनका सीधा सीधा कहना है कि सरकार के पास पैसा नही हैं देने के लिये और साथ मे आप लोगों की फाइल भी गुम हो गई है । नई फाइल बनवाने के लिए वह लोग कमीशन मांग रहे हैं और हम लोगो के कमीशन न देने की स्थिति में हमारी फाइल को गुम करार कर दिए है और हम लोग जब भी कार्यालय पर जाते हैं तो हम लोगों से मिलने से मना कर देते हैं । जिस स्थिति में हम लोग आज 3 महीने से धरने पर बैठे हैं और जब तक हमारी समस्या का समाधान नहीं हो जाता है । तब तक हम लोग धरने पर ही बैठे रहेंगे धरने पर बैठे मुख्य रूप से प्रधान विश्वकर्मा, विद्या देवी , शांति देवी ,रेशमा देवी ,मीरा देवी, कमलेश विश्वकर्मा ,राजेश विश्वकर्मा ,अश्वनी विश्वकर्मा, राजन विश्वकर्मा एवं समस्त पीड़ित ग्रामीण धरने पर बैठे हैं । और सरकार से अपने समस्या का समाधान करने का अपील कर रहे हैं । और समस्या का समाधान ना होने की स्थिति में धरने को और विशाल रूप देने का निर्णय लिया है।
















 
 


 
 
 
 
 
 

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