फरेंदा कोतवाल ने बाइक चोरी की तहरीर लेने से किया इनकार, पीड़ित ने दर्ज कराई ऑनलाइन शिकायत - प्रथम 24 न्यूज़

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फरेंदा कोतवाल ने बाइक चोरी की तहरीर लेने से किया इनकार, पीड़ित ने दर्ज कराई ऑनलाइन शिकायत



 तहसील ब्यूरो फरेंदा से मुहम्मद साजिद खान की रिपोर्ट/   

 फरेंदा तहसील प्रांगण से बीते 23 नवम्बर को कोल्हुई थाना क्षेत्र के बभनी खुर्द निवासी अनुज मिश्र की हीरो होंडा शाईन बाइक चोरी हो गई जिसका आज ग्यारह दिन बाद भी फरेंदा पुलिस रिपोर्ट दर्ज नही की। जानकारी के लिए बता दे बाइक चोरी होने की शिकायत करने पर फरेंदा कोतवाल धनवीर सिंह तहरीर लेने से इनकार कर दिये। शिकायतकर्ता के अनुसार जब वह तहरीर लेकर फरेंदा थाने में गए तो इंस्पेक्टर धनवीर सिंह मामले में कोई अस्वाशन के बजाय शिकायतकर्ता के साथ अभद्र व्यवहार किये अर्थात जब पीड़ित युवक ने कहा साहब मेरी गाड़ी तहसील प्रांगण से चोरी हो गई है तो इंस्पेक्टर धनवीर ने कहा तुम्हरी गाड़ी चोरी हो गई है तो बहुत अच्छा हुआ जो कि बेहद निंदनीय एवं शर्मनाक है। उक्त घटना की सूचना शिकायतकर्ता ने तत्काल फरेन्दा सीओ को दिया जहाँ सीओ फरेंदा के तरफ से भी कोई सार्थक कार्यवाही नही की गई। बताते चले  दस दिन तक कोल्हुई से फरेंदा कोतवाली का चक्कर लगाने के बाद भी कोई कार्यवाही न होते देख  शुक्रवार 4 दिसंबर को राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो को ऑनलाइन आवेदन कर पीड़ित युवक द्वारा अवगत कराया गया । उल्लेखनीय है उक्त समस्या को लेकर अनुज मिश्र पुत्र त्रियंबक मिश्र ने बताया कि फरेंदा तहसील परिसर के अधिवक्ता कैम्पस में हीरो होंडा शाईन UP56-M9561 बाइक खड़ी कर के परिसर में किसी काम से चले गये और जब वापस आये तो बाइक गायब मिली , काफी खोजबीन कर कोतवाली फरेन्दा गये।परंतु वह तहरीर लेने से इनकार कर दिये। हार मान कर वह ऑन लाइन आवेदन किये हैं।उन्होंने कहा की अगर सरकार द्वारा ऑनलाइन की व्यवस्था न होती तो मेरा तहरीर लेने वाला कोई नहीं मिल रहा था। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर एक जिम्मेदार पद पर बैठने वाला एक कोतवाल इस तरह की मजाकिया हरकत कैसे कर सकता ,क्यों नही शिकायतकर्ता की समस्या को गंभीरता से ली गई, आखिर क्यों पीड़ित को पिछले दस दिनों से एक तहरीर लेकर कार्यवाही हेतु कोतवाली के चक्कर लगवाया जा रहा, कोतवाल के इस कृत्य से ऐसा प्रतीत हो रहा है वह थानागिरी नही दादागिरी कर रहे है  जो कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सपनो पर भी पानी फेरते नज़र आ रहे है जो कि आम लोगो मे गलत संदेश जा सकता है। बताते चले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा स्पष्ट कहा गया है कि कोई भी पुलिस वाला या अधिकारी किसी भी शिकायतकर्ता के साथ अभद्र व्यवहार नही कर सकता है तथा थाने पर शिकायतकर्ता के साथ एक अतिथि की तरह व्यवहार करना पड़ेगा अन्यथा की स्थिति में कठोर कार्यवाही की जाएगी फिर भी कोतवाल द्वारा उनके आदेशो की अवहेलना की गई। आश्चर्य की बात यह है कि न्याय की मंदिर तहसील सभागार से कैसे बाइक चोरी हो गई क्या लोगो तथा उनके वस्तुए की सुरक्षा हेतु फरेंदा तहसील प्रशासन की कोई जिम्मेदारी नही है , क्या सभागार सीसीटीवी से लैश नही है जो कि तहसील प्रशासन तथा फरेंदा पुलिस प्रशासन के कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा कर रहे है।

अब देखने की बात यह होगी कि जिला प्रशासन तथा शासन स्तर के जिम्मेदार लोग द्वारा ऐसे गैरजिम्मेदार 

तहसील के अधिकारियो तथा फरेंदा कोतवाल पर क्या कार्यवाही करते है। क्या पीड़ित युवक को इंसाफ तथा उसकी बाइक मिलेगी, यह एक बड़ा सवाल है।

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