पंचायतों में 14 दिसंबर से पांच जनवरी के बीच पेयजल स्रोतों की स्वच्छता का होगा सर्वे, विभागीय आदेश जारी
प्रथम 24 न्यूज़ डेक्स।
बिहार स्पेशल कवरेज।
बिहार के सभी ग्राम पंचायतों में पेयजल स्रोतों का स्वच्छता (सैनेटरी) सर्वे होगा। पंचायती राज विभाग के माध्यम से यह सर्वे 14 दिसंबर से पांच जनवरी के बीच संपन्न कराया जाएगा। इसको लेकर पंचायती राज और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग का संयुक्त आदेश जारी हुआ है।
सर्वे में ऐसे कारकों की पहचान की जाएगी, जिससे पेयजल दूषित होते हैं और इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्या खड़ी होती है। ऐसे कारकों की पहचान कर उन्हें दूर किया जाना ही, इस सर्वे का मकसद है। इस दौरान नल-जल योजना, कुआं तथा चापाकलों आदि का सर्वे होगा। इसमें यह देखा जाएगा कि जहां भी पेयजल स्रोत हैं, वहां की साफ-सफाई कैसी है। नल-जल योजना में पाइप लीकेज तो नहीं है। पेयजल में किसी प्रकार की गंदगी तो नहीं मिल रही है? चापाकल, नल तथा बोरिंग के आसपास साफ-सफाई कैसी है।
*सर्वे के लिए एप तैयार किया गया*
सर्वे को लेकर लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) द्वारा मोबाइल ऐप तैयार किया गया है, जिस पर सर्वे रिपोर्ट अपलोड भी किया जाएगा। सर्वे में किन-किन बातों का ध्यान रखना है और किस प्रकार रिपोर्ट तैयार करनी है, इसको लेकर सभी तकनीकी सहायकों को एक दिवसीय प्रशिक्षण 11 दिसंबर को दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण ऑनलाइन दिया जाएगा। जिला पंचायती राज पदाधिकारी तथा कार्यपालक अभियंता सर्वे की मुख्य रूप से मॉनिटिरंग करेंगे।
*तकनीकी सहायक करेंगे सर्वे का काम*
पंचायती राज विभाग के तकनीकी सहायक अपने-अपने क्षेत्र के सभी पंचायतों में यह सर्वे करेंगे। गौरतलब हो कि राज्य के ग्राम पंचायतों के एक लाख 14 हजार वार्डों में नल-जल योजना चल रही है। इनमें 58 हजार वार्डों में नल-जल योजना का क्रियान्वयन पंचायती राज विभाग तथा 56 हजार वार्डों में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग करा रहा है। इसके अलावा आठ लाख से अधिक चापाकल लगे हैं।
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