फरेंदा रेंज क्षेत्र के अंतर्गत सूरपार चौकी के समीप नाला में मिला चार बोटा साखू
लकड़ी तस्कर हुए फरार
पुरन्दरपुर से वसीम खान की रिपोर्टबरसात के मौसम में वन माफियाओं का अड्डा बना पानी, जहां पर कीमती लकड़ियों को खूब सजा कर रखा जा रहा है, वन विभाग नकेल कसने में नाकाम हो रही है, तस्कर फरार हो रहे हैं, केवल कीमती लकड़ी ही बरामद हो रही है। बृहस्पतिवार को वन विभाग की टीम ने मुखबिर की सूचना पर दिन में लगभग 12 बजे बड़हरा व बड़हरी गांव के बीच में बिजयसलही नाला में छापेमारी की जिसमें 4 बोटा साखू की लकड़ी बरामद की, वहीं वन विभाग को चकमा देकर वन माफिया फरार हो गए। माफियाओं का हौसला बुलंद हो रहा है, वन विभाग अपनी सक्रियता दिखाने में नाकाम है, यह कोई आम लकड़ी नहीं है जिसे हर कोई व्यक्ति काटकर नाला में छुपाया जा रहा है बल्कि यह एक वन विभाग की कीमती लकड़ी है। जिसे वन विभाग द्वारा वर्षों से सजाकर साखू के पौधों को संरक्षण दिया गया है। वहीं कीमती पौधों को वन विभाग की लापरवाही से इन दिनों धड़ल्ले से कटान चल रहा है। वन अधिनियम के अंतर्गत कानून जारी किया गया है कि बिना अनुमति के साखू की लकड़ियों का काटना व कटवाना अपराध है, ऐसे श्रेणी में जो व्यक्ति आता है उसके खिलाफ सरकार के अनुमति के बिना पेड़ को कटाना अपराध है। भारतीय वन कानून 1927 के अनुसार सेक्शन 68 के अंतर्गत पर्यावरण कोर्ट में मामला दर्ज हो सकता है। इसमें पेड़ों की चोरी, पर्यावरण को नुकसान पहुंचने और प्रदूषण एक्ट के तहत मामला दर्ज हो सकता है। पेड़ काटने के मामले में दोषी पाए जाने वाले को पेड़ की किस्म मोटाई के अनुसार जुर्माना किया जा जाता है या 6 माह से लेकर 3 साल की जेल हो सकती है। जब इस संबंध में सूरपार चौकी प्रभारी ओंकारनाथ वरुण से जानकारी मांगा तो उन्होंने बताया कि केवल 4 बोटा साखू की लकड़ी नाला के पानी में पाया गया है और वह लकड़ी काफी पुराना है।फरेंदा रेंजर विजय श्रीवास्तव ने बताया कि फॉरेस्टर द्वारा सूचना अवगत करा दिया गया है जांच कर कार्रवाई करते हुए मुकदमा पंजीकृत किया जाएगा।
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