कृषि मंत्रालय के संदेश से किसानों में चिंता की लकीर, क्योंकि खेतों में खड़ी हैं फसलें
नई दिल्ली.- कृषि मंत्रालय (Ministry of Agriculture) में रजिस्टर्ड किसानों के पास एक मैसेज गया है. इसने अन्नदाताओं में बेचैनी और बढ़ा दी है। इसमें कहा गया है कि कटाई, मड़ाई एवं बुवाई की स्थिति में पांच व्यक्तियों से अधिक की भीड़ न लगने दी जाए।
जानकारों का कहना है कि इससे किसानों की मुसीबत और बढ़ सकती है. हालांकि यह एडवाइजरी कोरोना वायरस (Coronavirus) से किसानों की सुरक्षा के लिए है। मैसेज में कहा गया है कि खेत में काम करते समय आपस में कम से कम एक मीटर की दूरी रखनी है. मुंह पर मास्क रखना है. हाथों को समय-समय पर साबुन या सैनिटाइजर से साफ करना है। किसी भी समस्या के लिए जिले के कृषि अधिकारी से संपर्क करना है।
इस समय गांवों में कोरोना वायरस और लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान पुलिस कार्रवाई के खौफ से खेतों में काम करने वाले श्रमिकों की कमी हो गई है। इसलिए फसल काटने में देरी हो रही है। ज्यादातर जगहों पर फसल अभी खेतों में खड़ी है। किसानों (Farmers) को आशंका है कि अगर फसल कटने में देरी के बीच बारिश हो गई या आंधी आ गई तो उन्हें भारी नुकसान होगा. गेहूं का रंग बदल जाएगा. सरसों निकालने में हुई देरी से उसके काफी दाने पहले ही खेतों में गिर गए हैं. इससे वे पहले ही घाटे में हैं।
हालांकि, सरकार ने किसानों की मजबूरी समझते हुए कृषि से जुड़ी गतिविधियों को लॉकडाउन से छूट दी है. फसल कटाई के लिए खेतों में मशीन ले जाने की इजाजत दी गई है। इसके अलावा सरकार ने मंडियों और खरीद एजेंसियों को भी लॉकडाउन में छूट दी है. गृह मंत्रालय की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार, कृषि श्रमिकों, उर्वरकों, कीटनाशकों और बीजों की विनिर्माण एवं पैकेजिंग करने वाली इकाइयों को भी लॉकडाउन से छूट है।
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