आखिर अपने ही नागरिको को क्यो नही दे रहा नेपाल सरकार प्रवेश: भारत नेपाल सरहद पर फंसे है सैकड़ों नेपाली नागरिक
सोनौली-महराजगंज।
प्रथम 24 न्यूज़ डेक्स।
वैश्विक महामारी करोना वायरस की वजह से दुनियाभर के सभी देशों में जगह जगह हाई अलर्ट लॉक डाउन ही नहीं बल्कि बॉर्डर भी सील है ऐसे में अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर सोनौली में ही सैकड़ो नेपाली समुदाय के लोग बिगत एक सफ्ताह से नेपाल प्रवेश को लेकर लगातार जद्दोजहद कर रहे है। जब इन नेपालियों ने जबरन नेपाल सीमा में एंट्री करनी चाही तो नेपाल पुलिस व नेपाल शसस्त्र बल ने इन नेपालियों पर लाठी चार्ज कर दिया।
जानकारी के लिए बता दें कि कोरोना वायरस की महामारी को देखते हुए नेपाल बॉर्डर सील है ऐसे में किसी भी नागरिक को नेपाल में नहीं आने दिए जाने का आदेश नेपाल सरकार द्वारा जारी है नेपाल बॉर्डर पर लगभग 370 से अधिक नेपाली जिन्हें नेपाल सरकार ने वापस अपने देश नहीं आने दिया और उन्हें भारत के महाराजगंज जनपद के सोनौली बॉर्डर समीप नौतनवा में भिन्न-भिन्न स्थानों पर वैकल्पिक रूप से ठहरने की व्यवस्था कराई गई है।
इन नेपालियों में अचानक शुक्रवार को 4 नेपाली नागरिको की सेहत खराब होने की जानकारी लोगो को मिली जिस पर भारत के महाराजगंज जनपद के अधिकारियों द्वारा चार नेपाली नागरिकों को वतन वापस भेजा गया।
इस संबंध में क्षेत्राधिकार राजू कुमार साब ने बताया कि उन नेपाली नागरिकों की स्वास्थ्य खराब थी। इस वजह से उन्हें नेपाल सरकार को सुपुर्द कर दिया गया है।
ऐसे में चार नेपाली नागरिक जिनका नाम क्रमशः 1. भगवती परियार पत्नी सुनील परिहार 2. सुनील परिहार पुत्र हरि कुमार परिहार 3. निशांत परिहार पुत्र सुनील परिहार वार्ड नंबर 6 स्वर्ण पार्क गांव पालिका बीरगंज जिला परसा 4. राहुल खनाल पुत्र मीन प्रसाद खनाल पता माला रानी वार्ड नंबर 3 देवलाली अर्घाखांची को नेपाल में इनकी तबीयत खराब होने के कारण नेपाल सनौली बॉर्डर से वतन वापसी कराया गया है।
भारतीय नागरिक को भी नेपाल के भैरहवा क्वारेन्टाइन में राख्खा है आप जैसे कलम के दलाल के कारण दोनों देशके जनता कभी एक दूसरे समझ्ने में गल्ती कर्ते है कलम की दलाली बंद करो
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