जिस कंधे पर उठनी थी डोली उसी कंधे पर उठी अर्थी
🔔 चार माह पूर्व उठ गया था पिता का सिर से साया
पुरंदरपुर/महराजगंज
तहसील प्रभारी, फरेंदा से नसीम खान की रिपोर्ट
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नियति की खेल बड़ा निराली होती है कब किसके साथ कौन सा खेल खेल दे यह नियति के ही हाथ में है कुछ ऐसी ही कहानी मधुकरपुर महदेवा निवासी आर्यन का है अभी कदम संभले ही नहीं थे कि पिता का सिर से साया चार माह पूर्व ही उठ गया। अब उसे ये क्या पता था कि उसी कंधे पर अब बड़ी बहन की अर्थी भी उठाना पडेगा ।मधुकरपुर महदेवा निवासी आर्यन गुप्ता जिसकी उम्र महज 10वर्ष की है 4 माह पूर्व उसके पिता उमेश की अचानक मौत हो गई ।पिता का सिर से साया उठने के बाद उसके कदम संभलने ही वाले थे कि जवानी की दहलीज पर खडी बहन के हाथ पीले करने का भी जिम्मेदारी उसके कंधों पर था और 10 वर्षीय आर्यन अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन कर 4 जून को फरेंदा थाना क्षेत्र के खजुरिया निवासी रिंकू के साथ अपने बहन की शादी की तिथि भी निश्चित कर दिया था ।बहन की शादी को लेकर आर्यन व उसकी माँ व अन्य दो बहनों में काफी उत्साह था बहुत उम्मीदें थी कि बहन के शादी के बाद बहनोई के रूप में अभिभावक भी मिलेगा जो हमारे लडखडाते कदम को संभालने में मेरी मदद करेगा लेकिन शायद ईश्वर को यह मंजूर ही नहीं था जब सोमवार को दोपहर को उसकी बहन का शव गाँव के एक पोखरी में मिली तो उसके पाँव तले की जमीन खिसक गई तो वह दहाडें मार कर चीख चीख रोने लगा और उसकी माँ माया रह रह कर बेहोश होने लगी शव से लिपट कर रो रही मां पल भर के लिए अचेत हो गई जब उसके मुख पर पानी के छींटे मारने पर चेतनावसथा में आई ।बहन श्रेया उम्र 17 वर्ष अंशिका उम्र 12वर्ष भी दहाडें मार मार कर रो रही थीं इस दृश्य को देखकर आर्यन व उसकी माँ की बेबशी व लाचारी को देख उपस्थित लोगों के आखों में भी आंसू आ गए जिसे कोई रोक नहीं पाया और सब के ही मुंह से निकल रहा था कि नियति के खेल निराले होते हैं बहुत बडी विपत्ति आपडी इस परिवार के ऊपर,वहीं 10 वर्षीय बच्चे आर्यन के हर सपने बहन के अर्थी के साथ खत्म हो गए जो उसने देखा था । अब उस बालक को अपनी मां और दोनों बहनों को देखकर फूट फूट कर रोने के एलावा कुछ सूझता ही न था लेकिन अब अबोध बालक करता भी क्या शायद ईश्वर को यही मंजूर था।
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