डालमिया भारत फाउंडेशन ने रामगढ़ में ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए शुरू किया कालीन बुनाई केंद्र
"पारंपरिक कालीन बुनाई में उद्यमिता और कौशल विकास को बढ़ावा देने की पहल"
लखनऊ, जनवरी 30, 2025:
ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक परिवर्तनकारी पहल के तहत डालमिया भारत समूह की सीएसआर शाखा, डालमिया भारत फाउंडेशन (डीबीएफ) ने जयपुर रग्स फाउंडेशन के सहयोग से उत्तर प्रदेश के गोपालपुर गांव में एक रग लूम सेंटर (कालीन बुनाई केंद्र) शुरू किया है। यह पहल, फाउंडेशन की प्रमुख ग्राम परिवर्तन परियोजना का हिस्सा है, जो चार गांवों - रामपुर, गोपालपुर, गोमिदापुर और अशरफनगर - की 64 महिलाओं को हाथ से गांठ वाली कालीन बुनाई के पारंपरिक शिल्प में प्रशिक्षित करेगी। केंद्र आवश्यक कौशल प्रशिक्षण प्रदान करेगा, जिसमें डालमिया भारत फाउंडेशन हथकरघे प्रदान करके इस पहल का समर्थन करेगा। जयपुर रग्स फाउंडेशन तैयार उत्पादों के विपणन और बिक्री में सहायता करेगा, जिससे कारीगरों के लिए आर्थिक स्थिरता और टिकाऊ आजीविका सुनिश्चित होगी। यह परियोजना महिलाओं को ₹8,000 से ₹10,000 की अपेक्षित मासिक आय के साथ एक स्थायी आय अर्जित करने के लिए सशक्त बनाएगी।
केंद्र का उद्घाटन श्री ए.ए. बेग, उप अधिशासी निदेशक और यूनिट हेड - रामगढ़, डालमिया भारत शुगर एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा सीएसआर टीम, ग्राम प्रधान और कारीगरों के साथ किया गया।
इस अवसर पर टिप्पणी करते हुए, श्री ए.ए. बेग, उप अधिशासी निदेशक और यूनिट हेड - रामगढ़, डालमिया भारत शुगर एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने कहा, “डालमिया भारत में, हम कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देकर सतत आजीविका के जरिए समुदायों को सशक्त बनाने में विश्वास करते हैं। हाथ से बनी कालीन बुनाई की कला केवल एक पारंपरिक शिल्प नहीं है, बल्कि एक मार्केटिंग करने लायक कौशल है जो कारीगरों को उनकी शिल्प कौशल का उत्सव मनाते हुए एक टिकाउ आय प्रदान कर सकता है।
इस पहल के माध्यम से, हमारा उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करने में सहायता करना है, साथ ही एक कालातीत कला को संरक्षित करने में मदद करना है जो भारत की सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करती है। हम इस सकारात्मक बदलाव की लहर पैदा करने के लिए हमारे साथ साझेदारी करने के लिए जयपुर रग्स फाउंडेशन के आभारी हैं।”
ग्राम परिवर्तन परियोजना डालमिया भारत फाउंडेशन की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य टिकाऊ और समग्र विकास के माध्यम से ग्रामीण समुदायों को बदलना है।
यह परियोजना लक्षित घरेलू स्तर के हस्तक्षेपों के माध्यम से कौशल विकास, उद्यमिता और सरकारी कल्याणकारी योजनाओं तक पहुंच को बढ़ावा देकर ग्रामीण परिवारों को सशक्त बनाने का प्रयास करती है।
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