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सोनौली: स्टैंड और पार्किंग स्थल बनने के बाद भी नेशनल हाइवे का दोनो लेन बना बाइक पार्किंग जोन

जाम का दंश झेल रहे सोनोंली कस्बे का फोटो

सोनौली महराजगंज।

एक तरफ सोनौली में “अतिक्रमण मुक्त” जाम “अभियान” चलाया जाता है तो दूसरी तरफ मुख्य बाजार के मार्ग पर अतिक्रमण कर जाम की समस्या उतपन्न किया जाता रहा है, जबकि भारी मांग के बाद नगर के मुख्य बाजार में ही कई पार्किंग स्थलों को नगर प्रशासन द्वारा स्थापित किया गया सापेक्ष मुख्य मार्ग को आज भी पार्किंग जोन बनाया गया है।

जाम से निजात और अतिक्रमण से मुक्त अभियान सोनौली में दम तोड़ती रहती है: सिर्फ “बातो ही बातो में जाम” और अतिक्रमण पर प्रशासन का चलाया जा रहा बुलडोजर


बाइक पार्किंग जोन बना नेशनल हाइवे सोनौली


विदित हो कि, भारत नेपाल को जोड़ने वाली नेशनल हाइवे 24 जो कि नगर का मुख्य मार्ग भी, इस मार्ग के सड़क को बाइक पार्किंग में बदल दिया गया, जिससे दोनों लेन की सड़क संकरी हो गई है, पैदल राहगीरों को बीच सड़क से होकर जाना जान जोखिम से कमतर नही है।

सुभाष जायसवाल के नेतृत्व में व्यापारियों की विशेष पहल अब बना दिखावा

जाम की भयावह स्थिति से निपटने को लेकर व्यापारियों एवं जनप्रतिनिधियों की विशेष पहल पर स्थानीय प्रशासन ने नगर के मुख्य बाजार जाम मुक्त करने के लिए कस्बे के मुख्य बाजार से सटे क्षेत्रो में ग्राहकों की सहूलियत को देखते हुवे कई पार्किंग जोन बनाया गया, जिसके बावजूद मुख्य मार्ग पर अवैध रूप से पार्किंग पार्किंग जोन के रूप में उपयोग किया जा रहा है। जिस कारण स्थानीय हो या विदेशी सभी लोगो को बीच सड़क से होकर जाना पड़ता है, बीच सड़क पर पैदल यात्रा जान जोखिम जैसा है, इस तरह चलना कभी भी बड़ी दुर्घटना को दावत देता नजर आ रहा है।

जानकी नगर वार्ड में सड़क पर अवैध पार्किंग जोन

आखिर क्यों दम तोड़ देता है सोनौली में “अतिक्रमण हटाओ अभियान”

कस्बा काफी समय से अतिक्रमण का शिकार बना हुआ था, नेशनल हाइवे 29 पर नवनिर्माण होने के बाद नेशनल हाइवे 24 बनने के बाद लगा कि जाम और अतिक्रमण से निजात मिलेगा मगर यह आस धरी की धरी रह गई, वही नगर पंचायत बनने के बाद भी लोगो मे आस जगी कि, अब जाम और अतिक्रमण से निजात मिलेगा, इससे परे नालियों पर दुकानदारों ने जहां सामान रख अतिक्रमण कर लिया वही सड़क पर बाइक पार्क कर मुख्य मार्ग को जाम के दंश में ढकेल दिया। स्थानीय पुलिस कई बार नगर में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया मगर यह अभियान व्यापक असरकारक नजर नही आया।

अब देखने वाली बात यह है कि, नवरात्र के सीजन में क्या स्थानीय प्रशासन नगर को अतिक्रमण मुक्त और जाम जैसे समस्याओं से निजात दिला पाने में कामयाब होती है या यूं ही जैसा है “ठीक है” की तर्ज पर सुरक्षा और समरता की नीति चलती रहेगी।

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