मुख्यमंत्री साय बस्तर दसराहा पसरा के विकास कार्य का किया लोकार्पण, चालाकी और मांझी में देखा गया रोष
स्टेट व्यूरो छत्तीसगढ़: विरेन्द्र नाथ
जगदलपुर - मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के बस्तर जिले के एक दिवसीय प्रवास में "मुरिया दरबार में शामिल होने पहुचे"। इस दौरान बस्तर दशहरा के लिए बहुत से सौगात मुख्य मंत्री द्वारा दिये गये एवं "पच्चास लाख की राशि का बस्तर दसराहा पसरा के विकास कार्य के लिए देने की घोषणा हुई"। दंतेश्वरी मंदिर के समीप स्थित पुराने तहसील कार्यालय को जीर्णोद्धार कर बस्तर दशहरा के लिए समर्पित किया गया है। इसका नाम बस्तर दसराहा पसरा (बस्तर दशहरा हेतु स्थल) दिया गया है। मुख्यमंत्री ने पसरा में बस्तर दशहरा के विभिन्न रस्मों के प्रदर्शित फोटो प्रदर्शनी, प्रतीकात्मक रथ, देवी देवताओं के प्रतिकों की सराहना की। साथ ही प्रतीकात्मक रथ के समीप फोटो भी खिंचवाई।
इस "दसराहा पसरा" में 75 दिवसीय दशहरा उत्सव में होने वाले मुख्य विधि विधान - पाट जात्रा, डेरी गढ़ाई, काछन गादी, रैला देवी पूजा, जोगी बिठाई, रथ परिक्रमा, बेल पूजा, निशा जात्रा, मावली परघाव, भीतर रैनी-बाहर रैनी काछन जात्रा, कुटुम्ब जात्रा एवं डोली विदाई की जीवन्त प्रतिकृति स्थापित कर जन सामान्य एवं पर्यटकों को सुलभ जानकारी देने का प्रयास किया गया है।
"प्रसिध्द बस्तर दशहरा पर्व छत्तीसगढ़ की अनुठी सांस्कृतिक विशेषतापूर्ण" एवं बस्तर के जन-जातियों की आराध्य देवी दन्तेश्वरी तथा स्थानीय देवी-देवताओं की पूजा विधान के रूप में मनाया जाता है। तहसील कार्यालय में पहले से चली आ रही परंपरा अनुसार दशहरा पर्व में शामिल होने वाले क्षेत्र के सभी देवी देवता, आंगादेव, देवी की छत्र की उपस्थिति का दर्ज इसी स्थल पर किया जाता रहा है। इसलिए प्रशासन द्वारा तहसील कार्यालय को अन्य स्थल पर स्थांनातरित कर पुराने तहसील कार्यालय को दसराहा पसरा के लिए चिन्हांकित कर दिया गया है, मुरियादरबार में बस्तर संभाग से आये हुए चालाकी, मांझी से मुख्यमंत्री द्वारा समय न दिये जाने की बात और उनकी समस्या को न सुनने की बात को लेकर चालाकी, मांझीयो में रोष देखने को मिला जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।
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