महाभारत कालीन इतिहास का गवाह वनदेवी माता लेहड़ा वाली के दरबार मे लाखो भक्तों ने लगाई हाजिरी
स्टेट व्यूरो उत्तर प्रदेश- नशीम अहमद खान
नेपाल की सरहद से 51 किमी दूर भारत के उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में फरेंदा तहसील क्षेत्र अंतर्गत स्थित एक पवित्र और अद्भुत स्थल है “मां लेहड़ा देवी का मंदिर” यह मंदिर न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि भारत और नेपाल के भक्तों के लिए भी आस्था और श्रद्धा का केंद्र है। खासकर नवरात्र के दौरान, यहां भक्तों का तांता लगा रहता है, माता के दरबार मे हर सच्चे भक्त की मुराद पूरी होती है, जिनकी मन्नत पूरी हो जाती है वह माता के मंदिर पहुच कड़ाही इत्यादि चढ़ाने एवं माता को भोग भी लगाते है।
किदवंदियो एवं पौराणिक कथा और मंदिर की उत्पत्ति को लेकर दिलचस्प कथा बताया जाता है, पौराणिक मान्यता के अनुसार सबसे पहले इस स्थान पर महाभारत काल मे अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने पूजा अर्चना की थी। मंदिर से जुड़ी एक अन्य कथा के अनुसार हजारो वर्ष पूर्व मंदिर के पीछे एक विशाल नदी का अस्तित्व था, इसी नदी के तट पर मा दुर्गा ने किशोरी का भेष धारण कर नाविक की परीक्षा लेते हुवे उसे नदी पार कराने को कहा, मगर नाविक ने माता के सुंदरता को देख मोहित हो गया और गलत इरादे से छेड़छाड़ करने लगा, मां कुपित हो गईं और उस नाविक को उसकी नाव के साथ जल समाधि दे दी, आज भी उस नदी के अस्तित्व और नाव के अवशेष यहां देखे जा सकते हैं।
वैसे तो पूरे सालभर माता के दरबार मे भक्तों की उपस्थिति रहती है मगर नवरात्र के मौके पर भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है। शारदीय नवरात्र के दौरान इस मंदिर की शोभा देखते ही बनती है। हजारों की संख्या में भक्त यहां आते हैं और मां के दरबार में अपनी मन्नतें मांगते हैं. लोगों का मानना है कि जो भी यहां सच्चे दिल से अरदास लगाता है, उसकी हर मुराद जरूर पूरी होती है. लोग यहां अपने दुखों को आते हैं और यहां से मुरादे पूरी कर के जाते हैं. भारत नेपाल सीमा पर स्थित इस मंदिर पर जिस तरह भक्तों की हुजूम उमड़ रहा है उसे देखकर तो यही कहा जा सकता है कि मां के दरबार में हाजिरी लगाने से जहां हर पाप कट जाते हैं वही भक्तों की मुरादें भी पूरी करने में का काम करती है मां लेहड़ा वाली.
आँचल फैला कर माताएं नचाती है नर्तकी, होती है मुराद पूरी
लेहड़ा माता मंदिर की एक और विशेष प्रथा है जो भी यहां नर्तकी को अपने आंचल पर नचवाते हैं उसकी हर मुराद पूरी होती है, जिस कारण हर समय यहां पर नृत्य होता रहता है साथ ही शादी विवाह और मुंडन के कार्यक्रम भी होते रहते हैं यहां पर इस समय भारत के अनेक प्रांतो के अलावा नेपाल से भारी संख्या में भक्तों का आवागमन रहता है यहां आने वाले भक्तों का मानना है कि उन्होंने यहां मां के दरबार में जो भी अरदास लगाई है मां उसे जरूर पूरा किया करती है।
सीमा के पार से आने वाली आस्था
भारत और नेपाल के बीच आस्था का यह अनोखा सेतु, हर साल लाखों भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है। सनातन धर्म की मिश्रित संस्कृति के कारण नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं और मां के दरबार में अपनी अरदास लगाते हैं। मां लेहड़ा देवी का यह दरबार हर पाप को हरने वाला और भक्तों की मुरादें पूरी करने वाला माना जाता है, इस शारदीय नवरात्र में जब चारों ओर रोशनी की जगमगाहट होती है, मां के भक्त उनके दरबार में आकर न केवल अपनी परेशानियों का अंत पाते हैं, बल्कि अपने जीवन में सुख-समृद्धि भी प्राप्त करते हैं।
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