ब्रह्मर्षि अंगिरा जी की जयंती मनाई
संवाददाता: रणजीत जीनगर
जयपुर- ब्रह्मर्षि अंगिरा सेवा संस्थान जयपुर के द्वारा 8 सितंबर रविवार को प्रतापनगर जयपुर स्थित कृषि अनुसंधान नगर पार्क में ऋषि पंचमी पर ब्रह्मर्षि अंगिरा जी की जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता मोहनलाल जांगिड, जगतपुरा ने की विशिष्ट अतिथि पंडित रमेशचंद्र जांगिड, सूंथरा व श्रीमती मंजू देवी जांगिड थे। सर्वप्रथम पंडित रूपनारायण पांडेय, लालसोट ने ब्रह्मर्षि अंगिरा जी का पूजन,अर्चन, वंदन करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। विशिष्ट अतिथि पंडित रमेशचंद्र जांगिड ने ब्रह्मर्षि अंगिरा जी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वे ब्रह्मा जी के मानस पुत्र थे, उन्होंने अथर्ववेद की रचना की जिसमें तीनों वेदों का सार है।
प्रथम यज्ञकर्ता, एवं अग्नि तत्व को मानव जीवन के लिए उपयोग करने की विधि बताने वाले भी अंगिरा जी ही है। अध्यक्षीय उद्बोधन में मोहनलाल जांगिड ने अथर्ववेद के मंत्र "अंगिराsसिजंगिडः" का जिक्र करते हुए ब्रह्मर्षि अंगिरा जी को जांगिड, आंगिरस ब्राह्मण समाज का पितृपुरुष बताते हुए कहा कि हमें उनकी जयंती प्रतिवर्ष श्रद्धा पूर्वक मनानी चाहिए। उन्होंने ऐसे आयोजनों के लिए आवश्यक सहयोग करने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर संजय कुमार जांगिड, गिरिराज जांगिड, हरिप्रसाद जांगिड, हनुमान प्रसाद जांगिड, दिनेश कुमार जांगिड, गिर्राज जांगिड, अमन कृष्ण शर्मा, लविश जांगिड, निशांत जांगिड, श्रीमती तारा देवी जांगिड, सीता देवी जांगिड, कलावती शर्मा, प्रिया जांगिड, अनीता जांगिड, वर्षा शर्मा आदि उपस्थित थे। अंत में पंडित ताऊ शेखावाटी द्वारा विरचित आरती गाकर आरती की गई।
आरती के बाद पार्क में वृक्षारोपण किया गया जिसमें महिलाओं के द्वारा अशोक वृक्ष व पुरुषों के द्वारा अर्जुन वृक्ष लगाये गए। कार्यक्रम का संचालन संस्थान के संस्थापक सचिव छैल बिहारी शर्मा "आंगिरस" द्वारा किया गया। उन्होंने स्वयं द्वारा अंगिरा जी पर रचित रचनाओं को भी पढकर सुनाया। प्रारंभ में श्री शर्मा द्वारा अतिथियों का मेवाडी पाग व उपरना पहना कर स्वागत किया एवं कार्यक्रम में पधारे सभी जनों का भी दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया। आभार पंडित रूपनारायण पांडेय ने व्यक्त किया।
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