त्रिसूली नदी मे गिरी दोनों बस 22 दिन बाद भी नहीं मिली
सवादाता: शिवम पांडेय
नारायणघाट मूंगलिन सडक खंड सीमल ताल क्षेत्र मे 12 जुलाई को भुसखलन के कारण त्रिसूली नदी मे दो यात्री बसों का 22 दिन बाद भी पता नहीं चल पाया है नदी मे गिरे 62 यात्रियों मे अबतक 24 यात्रियों की सव बरामद हो पायी है जिसमे 18 की पहचान हो पायी है हादसे मे उफ़नाई नदी मे नेपाल सेना सशस्त्र प्रहरी वा प्रशासनिक अमले की लगभग 300 सौ की टीम बिभिन्न टुकड़ियों मे बटकर गिरे बसों व लापता यात्रियों की तलाश मे जुटी थी।
बोट के साथ गोताखोरो की टीम ने चुम्बक व सुनार सयंत्र से त्रिसूली से लेकर गंडक नदी के वाल्मीकि नगर के बैराक तक की करीब 103 किलोमीटर की दूरी मे व्यापक सर्च अभियान चलाया। बावजूद बसों का पता नहीं चल पाया है।
बीते सप्ताह नेपाल सरकार की मदत की गुहार पर भारतीय नेशनल डिजस्टर, रेस्पॉस, फाॅर्स,(एन डी आर एफ )की 12 सदस्य टीम भी एक सप्ताह के सर्च अभियान मे गयी थी।
उसे भी बसों का कोई पता नहीं चल पाया।सर्च अभियान मे एन डी आर एफ, का एक 20 किलोग्राम का चुम्बक व रबर का मोटरबोट नदी मे लापता हो गया। मापता यात्रियों के स्वजन अब सव को मिलने की आस ख़तम कर लिए है। एनडीआरएफ की टीम रविवार को वापस लौट आई है। नेपाल प्रसासन अभी भी बसों की तलाश मे जुटी है।चितवन के मुख्य जिला अधिकारी इंद्रदेव यादव ने बताया की त्रिसूली नदी मे लापता बस अभी तक नहीं मिल पायी है।एनडीआरएफ की टीम वापस भेज डी गयी है। नेपाल प्रसासन दोनों लापता बसों की तलाश मे जुटी है।
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