शेरे पूर्वांचल के नाम से चर्चित: अमर मणि त्रिपाठी पत्नी संग जेल से होंगे रिहा, लगी मुहर, समर्थकों में खुशी की लहर - प्रथम 24 न्यूज़

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शेरे पूर्वांचल के नाम से चर्चित: अमर मणि त्रिपाठी पत्नी संग जेल से होंगे रिहा, लगी मुहर, समर्थकों में खुशी की लहर


विशेष रिपोर्ट: मुस्कान गुप्ता
गोरखपुर यूपी।

उम्र कैद की सजा काट रहे पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को शासन ने रिहा करने का आदेश जारी कर दिया है। कवियत्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में दोषी करार दिए जाने के बाद यह दोनों उम्रकैद की सजा काट रहे है।

बता दें कि करीब 20 वर्ष पहले राजधानी की पेपरमिल कॉलोनी में रहने वाली कवियत्री मधुमिता शुक्ला की हत्या के मामले की जांच सीबीआई ने की थी। सीबीआई ने अपनी जांच में अमर मणि त्रिपाठी और मधुमणि त्रिपाठी (पति-पत्नी: दोनों) को दोषी करार देते हुए अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। बाद में इस मामले का मुकदमा देहरादून स्थानांतरित कर दिया गया था। दोनों जेल में बीते 20 वर्ष 1 माह और 19 दिन से थे। उनकी आयु, जेल में बिताई गई सजा की अवधि और अच्छे जेल आचरण के दृष्टिगत बाकी बची हुई सजा को माफ कर दिया गया है।


एक नजर: अमरमणि त्रिपाठी और मधुमिता शुक्ला सेक्स स्कैंडल


"2003 को लखनऊ में 7 महीने की गर्भवती 24 वर्षीय महिला की उसके अपार्टमेंट में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। लखनऊ के पेपर मिल कॉलोनी में हुई इस रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना ने पूरे यूपी और शेष भारत को झकझोर कर रख दिया।"

यूपी के लखीमपुर खीरी की कवयित्री मधुमिता शुक्ला की 9 मई 2003 को लखनऊ स्थित पेपर मिल कॉलोनी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्या का आरोप तत्कालीन सरकार में मंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि पर लगा था. उस वक्त मधुमिता गर्भवती थी. बाद में जांच के दौरान डीएनए से पता चला कि उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के पिता अमरमणि थे. मधुमिता के परिजनों के आग्रह पर इस हत्याकांड की सुनवाई सीबीआई के विशेष जज ने देहरादून में की थी, जहां 24 अक्टूबर 2007 को हत्या के दोषी अमरमणि त्रिपाठी, पत्नी मधुमणि त्रिपाठी, उनके भतीजे, हत्या करने वाले दोनों शूटरों को उम्र कैद की सजा हुई थी।

जानकारी के अनुसार देश की शीर्ष अदालत ने इस अर्जी पर सरकार को इस साल 10 फरवरी को रिहाई का आदेश दिया था, लेकिन इसका पालन नहीं कराया गया, इसके बाद कंटेप्ट याचिका दायर की गई।

अब फाइनली 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने रिहाई का आदेश पारित किया। इसमें उल्लिखित है कि अमरमणि त्रिपाठी की उम्र 66 वर्ष होने तथा लगभग 20 साल तक जेल में रह चुके हैं। 

राज्यपाल की अनुमति पर कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग ने इसका आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि, यदि दाेनों को किसी अन्य वाद में जेल में निरुद्ध रखना आवश्यक न हो, तो जिला मजिस्ट्रेट गोरखपुर के विवेक के अनुसार दो जमानतें तथा उतनी ही धनराशि का एक मुचलका प्रस्तुत करने पर कारागार से मुक्त कर दिया जाए।

इसी आदेश के बाद अमरमणि दंपत्ति की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है और वे एक से दो दिन में कागजी खानापूर्ति के बाद गोरखपुर जिला जेल से पत्नी सहित बाहर आ जायेंगे।

अमरमणि त्रिपाठी के रिहाई की खबर आते ही समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गयी है।

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