पशु पालकों का ऑनलाइन प्रशिक्षण शिविर आयोजित - प्रथम 24 न्यूज़

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पशु पालकों का ऑनलाइन प्रशिक्षण शिविर आयोजित

_थनैला रोग के कारण, लक्षण, उपचार और बचाव के उपाय बताये



रिपोर्ट: रणजीत जीनगर
सिरोही:- राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर की ओर से संचालित पशु विज्ञान केंद्र सिरोही में ओन लाइन पशु पालकों को प्रशिक्षण दिया गया ।प्रभारी अधिकारी डॉ सुदीप सोलंकी के निर्देशन डॉ. दीपक गिल और डॉ नरसी राम गुर्जर ने पशुओं के थनैला रोग के कारण, लक्षण, उपचार,और बचाव  विषय पर ऑनलाईन प्रशिक्षण व जानकारी दी।

इस शिविर में डॉ दीपक गिल ने पशु पालकों को बताया कि इस रोग में पशुओं के थन में सूजन आ जाती है। थन गर्म भी रहते हैं तथा कभी-कभी पशुओं के थन में दर्द भी रहता है। इस रोग से प्रभावित पशु का दूध कम हो जाता है। समय पर ईलाज नहीं मिलने पर थन से खराब दूध निकलता है । दूध के साथ साथ कभी-कभी खून भी निकलने लग जाता है । यदि थनैला रोड के लिए प्रारंभ से ही उचित देखभाल ना की जाए तो यह रोग थनों को खराब करके सुखा देता है।

रोग युक्त थन छोटा भी हो जाता है और  दूध आना बंद हो जाता है । कभी-कभी थनों से  गंदा, बदबूदार, थक्के युक्त व खून युक्त दूध आने लगता है।

पशुओं में थनैला रोग कई प्रकार बैक्टीरिया, वायरस, फंगस, और वातावरण के अन्य कारणों जैसे  बारिश के मौसम में अधिक आद्रता व उचित तापमान के कारण जीवाणु की संख्या में वृद्धि होने के कारण रोग की संभावना बढ़ जाती हैं।गंदगी, कीचड़, होने औऱ साफ सफाई में कमी भी कारण हो सकता है।

थनैला रोग बिना लक्षणों वाला सबक्लिनिकल रोग और लक्षणों वाला क्लिनिकल रोग होता है।थनैला रोग को काबू करने के लिए पशु पालकों को सजग रहना जरूरी है साफ सफाई भी रखनी चाहिए।बिना लक्ष्मण वाले थनैला रोग की जांच एक आसान विधि कैलिफोर्निया मैस्टाइटिस टेस्ट द्वारा की जा सकती है पशु पालकों को  दूध की जांच नियमित रूप से हर 2 सप्ताह में करानी चाहिए।

थनैला रोग होने पर पशु चिकित्सक से ही ईलाज करवाना चाहिए। केंद्र  के डॉ नरसी राम गुर्जर ने पशु पालकों के सवालों के जवाब दिए औऱ थनैला रोग में देशी और आयुर्वेदिक उपचार के बारे में जैसे नींबू, एलोवेरा, हल्दी, चीनी, अन्य आयुर्वेदिक देशी उपयोग में आने वाले नुस्खों के बारे में भी बताया।

इस प्रशिक्षण शिविर में 22 पशुपालकों ने भाग लिया, जीवदया व पर्यावरण प्रेमी गोपालसिंह राव ने सभी पशु पालकों से ओन लाइन प्रशिक्षण शिविरों का लाभ लेने की अपील की।

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