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सरहद पर फर्जी ट्रांसपोर्टरो का मकड़जाल, सवालों के घेरे में ट्रांसपोर्ट एजेंट...?




प्रथम मीडिया नेटवर्क।
सोनौली महराजगंज।

सरहदी कस्बो में सक्रिय ट्रांसपोर्टर एजेंट द्वारा देश की अस्मिता के सुरक्षा में घात लगाने से इनकार नही किया जा सकता है, यह ट्रांसपोर्ट ऐसे ऐसे लोग खोल कर बैठ गए है जिनके पा ना तो (CHA) सीएचए का लाइसेंस है, ना ही G-कार्ड है इनके पास फिर भी सवाल यह उठता है कि इन ट्रांसपोर्टर पर सुरक्षा एजेंसियां मौन क्यो है।

नगर पंचायत सोनौली एक ऐसा कस्बा है जहां अकेले ही इस छोटे से कस्बे में सैकड़ों की संख्या में ट्रांसपोर्ट एजेंट अपने कार्यालय व गोदाम बना रखे है, विश्वस्त सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि, इन ट्रांसपोर्टरों में 90 प्रतिशत ऐसे भी एजेंट है जिनका कही पंजीकरण नही है।

सूत्रों के हवाले से यह भी जानकारी मिली है कि, सोनौली बॉर्डर में सक्रिय इन ट्रांसपोर्ट एजेंटों में ज्यादातर संचालक अन्य प्रान्त के लोग है तो वही कुछ नेपाली मूल के व नेपाली नागरिकता वाले है।

एक छोटा सा 10 गुणन 10 में ऑफिस, टेबल कुर्सी लगा कर अपना ऑफिस बना लिए है, यही नही इन ट्रांसपोर्टरों में अधिकांश के बाहरी होने से स्थानीय लोगो को ट्रांसपोर्ट में रोजगार भी नही मिलता। क्योकि इन ट्रांसपोर्ट संचालकों ने अपने ऑफिस में बाहरी लोगों को रखते है, वही नेपाली मूल के संचालक नेपालियों को रखते है। स्थानीय लोगो से यह लोग दूरी बना कर रहते है।

अब सवाल यह उठता है कि, क्या इन ट्रांसपोर्टरों की जांच अभी तक क्यो नही की गई, सवाल यह भी उठता है कि, दोहरी नागरिकता वाले ट्रांसपोर्टरों पर लगाम क्यो नही लगाया गया।

सरहद पर सक्रिय इन ट्रांसपोर्ट से सरहद की सुरक्षा को लेकर सवाल उतपन्न हो रहा है, मगर वही कुछ सफेदपोश लोगो का संरक्षण होने के कयास भी लगाए जा रहे है। जिससे सोनौली में सक्रिय ट्रांसपोर्टर पर नकेल नही कसा जा रहा है।

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