boomerang: बूमरेंग एक ऐसा खेल है इसे शरीर से दूर फेंका जाये तो वह फेंकने वाले व्यक्ति के पास वापस चला आता है
प्रथम 24 न्यूज़ डेक्स।
सोनौली महराजगंज।
बूमरेंग एक ऐसा खेल है जिसमें अगर सही तरीके से इसे शरीर से दूर फेंका जाये तो वह एक सीमित दूरी तय कर फेंकने वाले व्यक्ति के पास वापस चला आता है। जैसा कि आपने बचपन मे टीवी पर चलने वाले जंगल- बुक मोंगली कार्टून मे देखा होगा।
पूर्व में आदिवासियों इसका उपयोग शिकार करने, युद्ध करने व मनोरंजन के लिए प्रयोग करते थे, धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रहे इस हथियार को खेल वस्तु के रूप में पुनः जीवित करने का प्रयास बूमरेंग एसोसिएशन कर रहा है। परन्तु अब आधुनिक समय मे इसे नया स्वरूप देकर खेल एवं मनोरंजन का संसाधन बना दिया गया है।
ये बाते इंडो बूमरेंग एसोसिएशन के स्थापक अध्यक्ष विवेक मोंट्रोस् ने सोनौली स्थित "बेथल चिल्ड्रेन स्कूल, में आयोजित एक कार्यक्रम में बताया तथा कार्यक्रम के आयोजक डैनियल जोशुआ का आभार प्रकट किया।
उन्होंने उपस्थित लोगों के सामने बूमरेंग का प्रदर्शन कर सबको चौका दिया क्योंकि लोगो के लिए यह किसी आश्चर्य से कम नही था कि अपने समानांतर में फेंका गया कोई बस्तु पुनः वापस अपने पास कैसे चला आता है, यह देख वहां उपस्थित लोग यह मानने पर विवश हो गए कि इस धरा पर सब सम्भव है।
विवेक ने उपस्थित आमजन से अपील किया कि इस विलुप्त होते खेल को पुनः जीवित रखने में अपना सहयोग दे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नौतनवा नगर पालिका अध्यक्ष गुड्डू खान ने बताया कि "जो चीजे हम पूर्व में टीवी या अन्य माध्यमो से देखते थे तो कयास लगाते थे कि ये सब कैमरे का कमाल है परन्तु आज यहां बूमरेंग के प्रदर्शन को देखकर हमारी पूर्व को सोच धरी की धरी रह गयी।
मुख्य अतिथि ने विवेक को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया तथा कार्यक्रम का संचालन राजेश व्वायड ने किया।
इस अवसर पर मध्यप्रदेश भोपाल से नेशनल तृतीय रैंक होल्डर बूमरेंग खिलाड़ी सुनील, वाराणसी से नैशनल बूमरेंग खिलाड़ी जय सिंह यादव प्रयागराज से श्रीमती शिवाली पीटर, विद्यालय के संस्थापक फादर जोशुआ, शाहनवाज खान, प्रमोद पाठक, प्रधानाचार्या एलिजाबेथ भगत, उप प्रधानाचार्या लीडिया जोशुआ, मैनेजर जॉनसन जोशुआ, राजकुमार गौड़, अभिषेक जोशुआ, माइकल जोशुआ, स्तुति शारॉन, फारूख, प्रिया, हीना, ज़ुबेर, जेबा, प्रीति, अनु और मीडिया कर्मी उपस्थित रहे।
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