कृषि बिल को वापस लेना महज़ चुनावी जुमला : नथानी
प्रथम 24 न्यूज़ डेक्स।
गोरखपुर उत्तर प्रदेश।
गोरखपुर। केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा अन्नदाताओं के सैकड़ों कुर्बानियों के बाद राज्यों में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपने ही मुंह से कृषि बिल को किसानों के हित में बताते हुए पहले अपनी पीठ थपथपाई और आज उसे वापस लिए जाने का वादा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है जो पूरी तरह से राजनीतिक स्टंट है।
उक्त बातें व्यापारी नेता एवं व्यापारी स्वराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवल किशोर नथानी ने कही। उन्होंने कहा कि किसानों के ‘भले के लिए’ बने कानून ‘चुनाव के भले’ के लिए हो गया ‘कुर्बान’ यह महज़ जुमला है। पिछले काफी महीनों से किसानों द्वारा इस काले कानून के खिलाफ आन्दोलन किया जा रहा है। कितने ही किसान भाइयों ने अपनी जान गंवा दिए लेकिन केन्द्र सरकार ने उन्हें खालिस्तानी कहकर उनका दमन करने का काम किया है।
व्यापारी नेता नवल किशोर नथानी ने कहा कि चुनाव से पहले कृषि बिल को वापस लेना ठीक उसी तरह से चुनावी जुमला है जैसे काला धन की वापसी, नोटबंदी से आतंकवाद का कमर तोड़ना आदि।
व्यापारी नेता नवल किशोर नथानी ने कहा कि जो कानून संसद से पारित किया गया है वह महज़ प्रधानमंत्री के कहने से कैसे वापस हो सकता है यह विचारणीय है।
नवल किशोर नथानी ने कहा कि आज़ सरकार के पास मुद्दे नहीं हैं और चुनाव नजदीक है ऐसे में लोक लुभावन वादे इस सरकार की नीति रही है। आज़ जनता महंगाई से दबी जा रही है और जब उप चुनाव में भाजपा को अपनी सीटें गंवानी पड़ी तब इसी भाजपा सरकार ने ऊंट के मुंह में जीरा डालते हुए कुछ रुपए पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में कमी करते हुए यह हवा फैलाना शुरू कर दिया कि भाजपा सरकार ने महंगाई पर अंकुश लगा लिया है जबकि आम लोगों को इसका कोई फायदा नहीं हुआ है।
व्यापारी नेता नवल किशोर नथानी ने कहा कि प्रधानमंत्री की यह घोषणा सिर्फ चुनावी जुमला है और जनता इसे भली भांति समझ रही है।
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